बगड़, पूर्व जिला सैनिक कल्याण अधिकारी कर्नल जवान सिंह बुंदेला की तृतीय पुण्यतिथि पर रविवार रात को कस्बे के नीमड़ी बस स्टैंड पर एक शाम सैनिकों के नाम कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ चंद्रनाथ योग आश्रम के भानीनाथ महाराज ने कर्नल जवान सिंह की तस्वीर के सामने दीप प्रज्ज्वलित कर कवि सम्मेलन का शुभारंभ किया। इस मौके पर कस्बे वासियों ने कर्नल जवान सिंह की तस्वीर पर पुष्प अर्पित का श्रद्धांजलि अर्पित की। मन्नालाल बागोरिया ने कर्नल बुदेंला का जीवन परिचय दिया। कवि सम्मेलन का आगाज चूरू से आए कवि ओम डायनामाइट ने सरस्वती वंदना से किया। इसके बाद रानोली से आए कवि विकास कुमार ने हास्य कविताओं से लोगों को हंसाया। सीकर से आए वीर रस के युवा कवि विवेक पारीक ने रजपूती रजवट री रणथल मैं बलिदानी परिपाट अठै…, पृथ्वी, प्रताप, हमीर, रतन, राणा सांगा सम्राट अठै, जय-जय राजस्थान अठै.. तथा लोंगेवाला युद्ध व भगत सिंह पर कविता सुनाकर देशभक्ति का संचार किया। इनके बाद आए चिड़ावा के सबरस कवि नगेंद्र शर्मा निकुंज ने फुफा उत्पीडऩ समाज कविता सुनाकर ठहाके लगवाए। वहीं बीकानेर से आई कवयित्री ललीता राज पुरोहित ने भगवान कृष्ण को समर्पित करते हुए कारे-कारे कजरारे नैना और कारी-कारी रैना, कारो कारो श्याम मेरो चित ने चुराय ग्यो.., प्रेम दीवानी ही मैं मीरा महारानी ही मैं…, मेरो मोहन मुरली बजाय ग्यो… तथा विरह गीत मैं थारी मरवण, थै म्हारा ठोला प्रीत थोड़ी तो करलो गीत सुनाकर वाहवाही लूटी। सुजानगढ़ से आए हरिराम गोपालपुरा ने सगाई व बेरोजगारी की समस्या पर कविता सुनाकर वाहवाही लूटी। इसी प्रकार ओम डायनामाइट ने जरा सी बारिश में भीगे थे कि तेरी याद आई गई..जो देखे फूल मुस्कुराते, कि तेरी याद आ गई.., तेरी चाहत की रंगीनी बसी है आज कलेजे मैं.., भुलाने तुझको बैठा कि तेरी या आ गई…, मुझे तु ना दिखा जब जब मेरी सांसो ने कुछ ना गया है मैने दिल की हर धडक़न में तेरा नाम लिखाया है… कवि सम्मेलन का परिवान चढया। वही बगड़ के भागीरथ सिंह भाग्य ने अपने चिर-परिचित अंदाज में आंखड़ली खा धक्का दिन चार बलम मेरा घर आया…, चाल रै साथिड़ा म्हारै खेता में…, अब बरसू में अब बरसू बरसात निकळगी बाता में, मैं भी ठालो तु भी ठालो बैठ्या ठाली बात करां तथा एक छोरी काळती कविता सुनाकर कवि सम्मेलन को परवान चढ़ाया। कवि सम्मेलन संचालन करते हुए खाटू श्याम जी से आए हास्य कवि गजेंद्र कविया ने अपने शादी में लडक़ी वालों में आई देवताओं की छाया… सहित हास्य व्यंग्य की टिप्पणियों व एक बुढ़ी काळती कविता से लोगों को खूब गुदगुदाया। इससे पूर्व मुकेश सैनी ने श्रद्धांजलि सभा का संचालन किया। कवियों का स्वागत नरोत्तम बुंदेला, जवाहरमल बुंदेला, भंवरलाल बुंदेला, रमाकांत शर्मा, रामप्रताप बरबड़, राधेश्याम सामरिया, सुनील बुंदेला, रामलाल बुंदेला, निरंजन प्रसाद आल्हा, रामप्रताप बुदेंला, मुकुंद सा राजपुरोहित, राजवीर बुंदेला, चंदन सिंह बुंदेला, जयप्रकाश बुंदेला, विकास आल्हा, पवन कुमार बुंदेला, बलवीर बुंदेला,नारायण रूंगटा, महावीर बुंदेला, सुभाष सामरिया, बोदनराम सामरिया, भजन लाल बुंदेला, प्रदीप शर्मा, सुनील शर्मा, राकेश कानोडिया, विनोद स्वामी, दलीप बुंदेला, लतीफ कुरैशी, शिवभगवान शर्मा, बलराज बिजारियाण आदि शामिल थे।