खेलों को लेकर सरकार केवल घोषणाएं मात्र ही करती आई है। नतीजन राष्ट्रीय खेलों की पदक तालिका में राज्य का नाम सबसे नीचे आता है। जमीनी स्तर पर खिलाडिय़ों को तलाशकर तराशने के लिए हर जिला मुख्यालय पर खेल मैदान व हर खेल का प्रशिक्षक का होना जरूरी है। यह बात पदमश्री अर्जुन अवार्डी बजरंग लाल ताखर ने बातचीत के दौरान कहीं। अन्य राज्यों की तुलना में राजस्थान में खेलों का वातावरण व सुविधाएं नहीं मिलनेे के कारण खिलाडिय़ों को पलायन करना पड़ता है। ताखर ने 15 वर्ष की आयु के खिलाडिय़ों का खेलों इंडिया से जुडऩे की बात कहीं।
-परिश्रम के बिना नहीं मिलती राह – पदमश्री ताखर ने खिलाडिय़ों से कहा कि किसी भी मुकाम को पाने के लिए राह आसान नहीं होती है। इसे पाने के लिए कठिन परिश्रम करना पड़ता है। अभिभावक बच्चों की रूचि पर अपनी अपेक्षाएं नहीं थोपे। उनका दोस्त बनकर उनकी समस्याओं का समाधान निकाले।