आदिवासी मीणा समाज सेवा समिति खेतड़ी तथा अंबेडकर मेघवंशी विकास संस्थान खेतड़ी के संयुक्त तत्वाधान में दर्जनों अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति के लोगों ने सोमवार को उपखंड अधिकारी संजय कुमार वासु को अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के संबंध में सर्वोच्च न्यायालय की ओर से दिए गए फैसले में पुनर्विचार कर याचिका दायर करने के संबंध में राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन के माध्यम से उपखंड अधिकारी को बताया कि 21 मार्च 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अधिनियम के संबंध में जो निर्णय दिया है उसे वापस लेना चाहिए। इसी के साथ ज्ञापन के माध्यम से बताया कि सर्वोच्च न्यायालय की ओर से अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत तुरंत गिरफ्तारी पर रोक लगाए जाने पर सरकार को इस मामले में पुनर्विचार याचिका दायर करनी चाहिए। इस कानून की विशेषता थी कि प्राथमिकी दर्ज होने के तुरंत बाद अभियुक्त की गिरफ्तारी होती थी लेकिन उच्चतम न्यायालय ने तुरंत गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। इससे एससी/एसटी समुदाय में रोष व्याप्त है। एडवोकेट रामनिवास मीणा ने मीडिया से रूबरू होते हुए कहा कि इस फैसले की वजह से अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति में रोष व्याप्त है सरकार को इस फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए यदि सरकार इस पर विचार नहीं करती है तो आने वाली 2 अप्रैल को भारत बंद का आह्वान किया जाएगा।