शहर के पुराने बस स्टेंड पर कई महीनों से विवादित चल रहे बंद पड़े निर्माणाधीन शौचालय को बुधवार अलसुबह जमीदोंज कर दिया गया। जानकारी के अनुसार करीब 50 लाख रूपये की लागत से स्वच्छ भारत अभियान के तहत बनने वाले इस शौचालय का निर्माण कई महीनों से रूका हुआ था। जब इस शौचालय का निर्माण हो रहा था तब रेलवे बस स्टेंड व्यापार संघ की ओर से अनेक आंदोलन करते हुए ये आरोप लगाये गये थे कि इससे बस स्टेंड संकरा हो जायेगा और बस स्टेंड का सौंदर्य खत्म हो जायेगा। वहीं इस मामले को लेकर व्यापारियों व आम लोगों ने कई बार प्रदर्शन किया, कैंडल मार्च भी निकाले और एक बार तो रेलवे बस स्टेंड का बाजार भी विरोध स्वरूप बंद रखा था। वहीं संघर्ष कर रहे लोगों ने इसके लिए हस्ताक्षर अभियान भी चलाया था, जिसके चलते इस शौचालय का विवाद काफी बढ़ गया था। हालंाकि इस मामले में जब निर्माण घुटनों तक था, तब तहसीलदार ने निर्माण कार्य रोक दिये जाने के आदेश दिये थे, लेकिन इसके बावजूद भी शौचालय का निर्माण हुआ और चूरू जिला कलक्टर ने भी इसका निरीक्षण किया था। आयुक्त नगरपरिषद हेमंत कुमार तंवर ने बताया कि 13 फरवरी को हुई नगरपरिषद की साधारण सभा की बैठक में यह निर्णय लिया गया था, जिसके बाद बोर्ड के निर्णय की पालना में आज इस ढ़ांचे को सुबह होने से पहले ही गिराकर मलबा मौके से हटा दिया गया। आयुक्त ने बताया कि इस निर्माण कार्य में नीलकमल कंस्ट्रक्सन कंपनी को करीब 2 लाख 74 हजार रूपये का भुगतान कर दिया गया था। लेकिन भारी जनविरोध के चलते नगरपरिषद को बोर्ड की बैठक में अपने ही निर्णय को बदलना पड़ा है। अलसुबह सवा चार बजे से इस विवादित निर्माण कार्य बंद पड़े शौचालय को तोडऩे का कार्य 2 जेसीबी, एक एलएण्डी की सहायता से शुरू किया गया। करीब 8-10 ट्रेक्टर ट्रोली की सहायता से मलबा भी सुबह होने तक हटा दिया गया। वहीं कई लोगों को उस वक्त आश्चर्य हुआ जब वे आज बस स्टेंड से निकले और उन्हें शौचालय का ढं़ाचा नजर नहीं आया।