अपराधझुंझुनू

लूट व पुत्र की मौत के सदमे में टूटी पिता के जीवन की डोर

पांच माह पूर्व लूट व गोलीकांड में हुई थी जतिन सोनी की हत्या

आरोपियों की जमानत होने से अवसाद में था पिता

झुंझुनू, शहर में लगभग पांच माह पूर्व 15 सितम्बर को दिनदहाड़े न्यू प्रकाश ज्वेलर्स पर छह बदमाशों ने हथियारों के बल पर शोरूम में घुसकर की थी लूट। लूटेरों से जान बचाकर भागते हुए जतिन सोनी पर बदमाशों ने चलाई थी गोली,घायल होने के बाद इलाज के दौरान 25 वें दिन जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल में हो गयी थी जतिन सोनी की मौत। जतिन सोनी की गोली मारकर हत्या व लूटकांड के अपराधियों में तीन अपराधियों जमानत मिल जाने से मानसिक तनाव में चल रहे थे मृतक जतिन सोनी के पिता चंद्र प्रकाश सोनी। जतिन की हत्या व लूट हुई तब से चैन की नींद नहीं ले पा रहे थे। साथ ही चाहते थे इस घटना को अंजाम देने वालों को फांसी की सजा। सदमे के चलते अवसाद में चले गए। इसी अवसाद के कारण 19 फरवरी को उनकी हालत नाजुक हो गई। तब से उनका इलाज जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल में चल रहा था। जतिन उर्फ बाइस राम सोनी के पिता चंद्रप्रकाश सोनी की इलाज के दौरान तेहरवें दिन सोमवार को निधन हो गया। प्रशासनिक व्यवस्था के अभाव से ग्रसित होकर पूरा परिवार बर्बाद हो गया। लेकिन सरकार के कान पर जूं तक नहीं रेंगी। अभी तक सरकार की ओर से कोई मदद की घोषणा नहीं की गयी है। परिवार को मिलते रहे सिर्फ आश्वासन। जतिन सोनी की इलाज के दौरान करीब 45 लाख रुपये का खर्जा हुआ था और शोरूम से करीब 50 लाख के सोने चांदी के जेवरात की लूट हुई थी जिसको लेकर तत्कालीन जिला कलेक्टर रवि जैन ने भी मुख्यमंत्री सहायता कोष व अन्य वितीय कोष के माध्यम से मदद का आश्वासन दिया था। साथ ही शहर के एक सर्किल या मार्ग का नामकरण भी जतिन सोनी के नाम से करने की बात कही थी लेकिन वादे है वादों का क्या..? पुलिस प्रशासन द्वारा सभी अपराधियों को गिरफ्तार तो कर लिया गया लेकिन न्यायालय द्वारा तीन अपराधियों की जमानत भी मंजूर हो जाने से पूरा परिवार भय के साये में जीने को मजबूर था।जतिन सोनी के परिवार के लोग सारी रात घर मे लगे सीसीटीवी में यही देखते रहते की बाहर क्या हलचल हो रही है। इसी के चलते चंद्र प्रकाश सोनी मानसिक रूप से टूट चुके थे। चंद्र प्रकाश सोनी के निधन की खबर शहर में फैलते ही माहौल गमगीन हो गया। कल पार्थिव देह झुंझुनू पहुंचने पर शहरवासियों ने गमगीन माहौल में अंतिम यात्रा में शामिल हुए। लाल पहाड़ी स्तिथ मुक्ति धाम में उनके पुत्र संदीप सोनी मुखाग्नि दी।अंतिम संस्कार में सैकड़ों लोगों ने नम आंखों से विदाई दी। वही चिता की अग्नि से भी मानों हमारे सिस्टम व्यवस्था पर सवाल पर सवाल उठ रहे थे।

Related Articles

Back to top button