जिला विधिक सेवा प्राधिकरण झुंझुनूं द्वारा कारागृह में निरूद्ध महिला बंदीजनों तथा उनके साथ निवासरत बच्चों के लिए विधिक सेवाओं की पहुंच बढ़ाने के उद्देश्य से जिला कारागृह में 22 मई को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण झुंझुनूं द्वारा गठित टीम के सदस्य डॉक्टर कपूर थौलार, महिला चिकित्सा अधिकारी डॉ. सरोज पायल, डॉ. रूपेश सैनी द्वारा महिला बंदीजन को मेडिसिन के लाभ व होने वाले नुकसानों के बारे में जानकारी प्रदान कर महिला बंदिजन को शारीरिक व्यायाम की जानकारी प्रदान की गई। इस दौरान महिला बाल विकास विभाग के सदस्य श्रीमती आभा झाझड़िया द्वारा महिलाओं को धार्मिक पुस्तकों के बारे में जानकारी प्रदान की। टीम के अधिवक्ता सदस्य अंशुमान सिंह शेखावत, सुश्री किरण बियाला, सुश्री मीना कुमारी द्वारा महिला बंदियों को मानव के मूल अधिकार एवं कर्तव्यों तथा महिलाओ के अधिकारों के बारे में जानकारी प्रदान की। स्वयंसेवी संस्थान के प्रतिनिधि सदस्य विकास कुमार राहड़ द्वारा महिलाओं को सिलाई करने हेतु कपड़े आदि वितरित कर उन्हें सिलाई मशीन का प्रशिक्षण दिया गया। वहीं टीम के सदस्य उप कारापाल बद्रीप्रसाद ने महिला बंदियों को बागवानी का प्रशिक्षण प्रदान किया।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की पूर्णकालिक सचिव श्रीमती मधु हिसारिया ने कारागृह का निरीक्षण कर टीम द्वारा किये जा रहे कार्यो की जानकारी प्राप्त की तथा बागवानी के महत्व के बारे में बताते हुए कहा कि बागवानी फसलों से वातावरण को साफ सुथरा रखने में मदद मिलती है इनसे वातावरण मे ऑक्सीजन और कार्बन डाई ऑक्साईड जैसी गैसों का संतुलन बना रहता है। आजकल कई सब्जियों के उत्पादन में जैविक कृषि का सहारा लिया जा रहा है। हमें जब भी समय मिले बागवानी का कार्य करना चाहिए जिससे पर्यावरण एवं स्वास्थ्य दोनों सहीं रह सकें।
हिसारियां के उदबोधन से प्रेरित होकर जिला कारागृह में निरूद्ध महिला बंदियों ने टीम के सदस्यों एवं जिला कारागृह स्टॉफ ने बागवानी का कार्य करने हेतु ईच्छा जाहिर की जिस पर विभिन्न प्रकार के बीज मंगवाये जाकर महिला वार्ड में रिक्त स्थान पर बीजरोपण कर बागवानी का कार्य किया गया।