सीएए एनपीआर वापस लेने की मांग
झुंझुनूं , सीएए, एनआरसी और एनपीआर का विरोध कर्बला मैदान में चल रहे 56 घंटे का शाहीन बाग में दूसरे दिन सोमवार को बड़ी संख्या में महिलाएं पहुंची, सर्व समाज लोकतांत्रिक मोर्चे के बैनर तले चल रहे प्रदर्शन में महिलाओं ने कहा कि हम देश में किसी भी स्थिति में सीएए, एनआरसी और एनपीआर लागु नहीं होने देंगे, सोमवार को विरोध में झुंझुनूं के कर्बला मैदान में 56 घंटे का नॉन स्टॉप धरना जारी हैं, बड़ी संख्या में महिलाओं ने पहुंचकर केंद्र सरकार को दिखा दिया है कि यहां की महिलाएं अपने अधिकारों के प्रति कितनी जागरूक है। इस मौके पर वक्ताओं ने कहा कि सीएए, एनपीआर और एनआरसी थोपकर देश को तोडऩे का काम बीजेपी सरकार कर रही हैं, जिसे बर्दास्त नहीं किया जाएगा, ये योजना केंद्र सरकार की कामयाब नहीं होने देंगे। महिलाओं ने नज्म, नात, कविता, शायराना अंदाज में अपना कलाम पेश कर अलग अलग तरिको से केंद्र सरकार के काले कानून का विरोध किया। वक्ता बोले कि इस विरोध को तब तक रखा जाएगा जब तक केंद्र सरकार काले कानून को वापस नहीं लेंगी। महिलाओं ने कहा कि नरेन्द्र मोदी सरकार ने तीन तलाक पर महिलाओं की सुनी और बात को माना तो आज ये ही मुस्लिम बहने आज CAA, NRC, NPR कानून को वापस लेने के लिए पूरे देश में बैठी हुई है, बीजेपी सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि क्या सरकार गुंगी हो गई है, मन की बात करने वालो को आज ये आवाज सुनाई नहीं देती है क्या, हुकुमरानों को कानून वापस लेना होगा। इस दौरान कार्यकर्ता (वोलिंटियर) ने मोर्चा संभाल रखा था, संविधान की किताब पढ़कर सुनाई गई। इस दौरान मंच का संचालन जाहिरा खान, डाक्टर फाइजा मंजूर, नुजहत खातून, सबीना खान, सभापति नगमा बानो, पूर्व सभापति खालिद हुसैन, जाकिर झुंझुनू वाला, जिला संयोजक अखिल भारतीय रेगर महासभा धर्मपाल बंसीवाल, सुखाड़िया यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर डॉ सुधा चौधरी, अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति कि राज्य उपाध्यक्ष तारा धायल, रेगर महासभा कोषाध्यक्ष मधु खन्ना, बामसेफ कार्यकारी प्रदेशाध्यक्ष माया बजाड़, साजिद भाटी, जावेद, चेतन कुमार, अकबर कुरेशी एडवोकेट इरशाद फारुकी ने अपने विचार रखे। कार्यक्रम में तबस्सुम ने स्पीच दी, फिजा ने गीत गाया, रुखसार ने शायरी पेश की, सुमैया कपूर ने शायराना अंदाज में सीएए एनआरसी, का विरोध किया, इसी प्रकार इसरत , साहिल सिद्दीकी, अदीबा, सुमैया नाज, सारा, फिजा, आदिबा पठान, नबीदा हबीब, साजिया, सदफ, गायकार इकबाल ने गीत गाया, रिफा खान सहित सैकंडो लोगों ने एनआरसी के खिलाफ अपनी आवाज को बुलंद किया।