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मां ने कहा अगर पुलिस हमारी समय पर सुन लेती तो शायद आज मेरी बेटी होती जिंदा

जोधपुरा में जमीनी विवाद को लेकर हुए खूनी संघर्ष में मासूम की मौत

उदयपुरवाटी, [कैलाश बबेरवाल ] उपखंड क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों में इन दिनों जमीनी विवाद को लेकर अनेकों मामले सामने आ रहे हैं। जिसमें कुछ मामलों में पुलिस की नाकामी भी सामने नजर आ रही है। सूचना के बावजुद पुलिस कार्यवाही करने में असफल नजर आ रही है जिससे ग्रामीणों ने नाराजगी जाहिर की है। ऐसा ही एक मामला जोधपुरा पंचायत के मुनसागर की ढाणी में घटित हुआ। जिसमें पीड़ितों द्वारा मारपीट का मामला दर्ज करवाने के बाद भी पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की । जिसके फलस्वरूप पीड़ित परिवार के साथ दोबारा घटना घटित हो गई। घटना में एक ही ढाणी के लोगों में जमीनी विवाद को लेकर हुए खूनी संघर्ष हुआ। खूनी संघर्ष में एक मासूम बालिका की मौत हो गई। खूनी संघर्ष शुक्रवार शाम 7:30 बजे घटित हुआ जिसमें दो पक्षों में जमीनी विवाद को लेकर आपसे झगड़ा हो गया। झगड़े में एक पक्ष के लगभग 16 लोगों ने पीड़ित रामचंद्र सैनी के परिवार पर अचानक दांतला, फावड़ा, सरियो व पत्थरों से हमला बोल दिया। हमले में लालचंद व बद्री प्रसाद गंभीर रूप से घायल हो गए। जानकारी के अनुसार हमले में घायल लालचंद को देखकर बीच-बचाव करने आई मासूम रेणु 10 वर्ष पुत्री रामचंद्र को हमलावरों ने धारदार हथियार से गर्दन पर वार कर दिया। जिससे रेणु लहूलुहान होकर जमीन पर गिर पड़ी और कुछ ही देर बाद मौके पर ही दम तोड़ दिया। बच्ची को मृत अवस्था मे देकर हमलावर मौके से फरार हो गए और अपने घरों से भी गायब हो गए। घटना की सूचना पाकर पचलंगी चौकी प्रभारी राजेंद्र सिंह पुलिस जाब्ते के साथ मौके पर पहुंचे और 108 की मदद से घायलों को सरकारी अस्पताल उदयपुरवाटी पहुंचाया। चौकी प्रभारी ने मृतक रेणु के शव को अपने कब्जे में लेना चाहा तो महिलाओं ने शव को घेर लिया। और पुलिस को रेणु के शव को हाथ नहीं लगाने की बातें कहने लगी। स्थिति को बिगड़ते देख घटना की जानकारी सीआई उदयपुरवाटी को दी गई। उसके बाद सीआई भगवान सहाय मीणा ने मौके पर पहुंचकर शव को अपने कब्जे में लेने की कोशिश की तो महिलाएं फिर से शव को घेर लिया और मृतक रेणु की मां बिमला देवी सीआई से बार-बार यही कहती नजर आई कि अगर पुलिस हमारी समय पर सुनवाई कर लेती तो शायद आज हमारी मेरी बेटी रेणु जिंदा होती। मृतक रेणु की मां ऐसा इसलिए कह रही थी ऐसा ही मामला इनके साथ हमलावरों ने 10 जून 2020 को भी कर दिया था उसके बाद पीड़ित परिवार ने उदयपुरवाटी थाने में मामला दर्ज करवाया था जिसको लेकर 3 दिन तक पुलिस मौके पर नहीं पहुंची उसके बाद हमलावरों के हौसले बुलंद हो गए और फिर इस घटना को अंजाम दे दिया। घंटे भर की मशक्कत के बाद पुलिस ने मृतक के परिजनों को संदेश दिया कि हमलावरों व उनके घरों से मिली तीन महिलाओं व एक लड़के को अपने हिरासत में लेकर आए है। तब जाकर महिलाएं मानी और पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर उदयपुरवाटी मोर्चरी में पहुंचाया। उसके बाद देर रात में मृतक रेणु के पिता रामचंद्र ने 16 लोगों के खिलाफ नाम दर्ज हत्या व मारपीट का मामला दर्ज करवाया। शनिवार सुबह शव का पोस्टमार्टम कर करने के बाद परिजनों ने शव लेने से यह कहते हुए इनकार कर दिया कि पहले आरोपियों की गिरफ्तारी होनी चाहिए। उसके बाद पुलिस ने कई घंटों तक समझाइस की तथा जल्दी ही आरोपियों को गिरफ्तार करने के आश्वासन पर परिजन माने और शव को लिया। शनिवार दोपहर को गमगीन माहौल में मासूम रेणुका अंतिम संस्कार किया गया। अंतिम संस्कार में पूर्व सरपंच छाजूराम बाघोली, लालचंद ,सरदारा राम, शंकरलाल सहित अनेक लोग शामिल हुए। गांवो में इस प्रकार की घटने वाली घटनाओं को लेकर ग्रामीण में सहमे हुए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि पुलिस मारपीट के ऐसे मामलों में समय पर कार्रवाई नहीं करती है। जिससे ऐसी घटनाएं बार-बार घटित होती है।

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