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बलौदा में स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती मनाई

सूरजगढ़, लीलाधर शिक्षा निकेतन बलौदा में आकाश योग केंद्र के संचालक योगाचार्य डॉ. प्रीतम सिंह के नेतृत्व में स्वतंत्रता संग्राम के महान योद्धा, आजाद हिंद फौज के सेनापति, कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष, “तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा” व जय हिंद का नारा देने वाले महान स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती मनाई। इस मौके पर क्रांतिकारी राजनेता नेताजी सुभाष चंद्र बोस के छायाचित्र पुष्प अर्पित कर दीप प्रज्वलित किया और आजादी के आंदोलन में उनके योगदान को याद किया। पतंजलि योग समिति के राज्य प्रभारी पवन कुमार सैनी और आदर्श समाज समिति इंडिया के अध्यक्ष धर्मपाल गांधी ने ऑनलाइन कार्यक्रम में भाग लेकर सभा को संबोधित किया। शेखावाटी की शान योगाचार्या सुदेश खरड़िया ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस पर एक देशभक्ति गीत सुनाया। मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए पवन कुमार सैनी ने कहा- नेताजी सुभाष चंद्र बोस स्वतंत्रता संग्राम के क्रांतिकारी नेता और आजाद हिंद फौज के सेनापति थे। वह ऐसे वीर सैनिक थे, जिनकी सदियों तक इतिहास गाथा गाता रहेगा। उन्होंने अपना सारा जीवन देश की आजादी के लिए समर्पित कर दिया। उनके द्वारा दिया गया “जय हिंद” का नारा भारत का राष्ट्रीय नारा बन गया। उन्होंने महात्मा गांधी, मौलाना अबुल कलाम आजाद, सरोजिनी नायडू, पंडित जवाहरलाल नेहरू, सरदार वल्लभभाई पटेल और डॉ. राजेंद्र प्रसाद जैसे बड़े नेताओं के साथ मिलकर भारत की आजादी के आंदोलन को आगे बढ़ाया। “तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा” नारा भी उनका था, जो उस समय अत्यधिक प्रचलन में था। 6 जुलाई 1944 को उन्होंने रंगून रेडियो स्टेशन से महात्मा गांधी के नाम एक प्रसारण जारी किया, जिसमें उन्होंने इस निर्णायक युद्ध में विजय के लिए उनका आशीर्वाद और शुभ कामनाएँ मांगी। गाँधीजी ने भी उनकी देश की आज़ादी के प्रति लड़ने की भावना देखकर ही उन्हें देशभक्तों का देशभक्त कहा था। RYSA योगासन भारत झुंझुनूं जिला सचिव डॉ. प्रीतम सिंह खुगांई ने भी नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जीवन पर प्रकाश डालते हुए अपने विचार व्यक्त किये। इस मौके पर शिक्षाविद् लीलाधर यादव, योगा खिलाड़ी संदीप कुमार, सुदेश खरड़िया, विशाल बेरला, पवन कुमार भारतीय, खुशी वर्मा, टीना कुमावत, मौसम, मोहित, हिमांशु आदि अन्य लोग मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन डॉ. प्रीतम सिंह ने किया‌। सुदेश खरड़िया ने सभी का आभार व्यक्त किया।

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