बेटियां भी नहीं है बेटों से कम बेटी बचाओ बेटी पढाओ और मातृशक्ति को मिले सम्मान इन शब्दों को उपखण्ड के ग्राम मेलूसर के भंवरलाल पुरोहित ने यथार्थ करते हुए बुधवार रात्रि को अपनी सुपुत्री पार्वती के शुभ विवाह की बेला के अवसर पर वैवाहिक कार्यक्रमों की परम्परा से हट कर अपनी बेटी की बन्दोरी बेटी को घोडी पर बैठाकर निकाली और बेटी को बेटे के सम्मान मानते हुए गाजे बाजे के साथ बिटिया पार्वती को घोड़ी पर चढाकर पुरे गांव में बन्दोरी निकालकर एक मिशाल पैश की।