सीकर, अतिरिक्त जिला कलेक्टर रतन कुमार ने बताया कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, नई दिल्ली द्वारा जल शक्ति मंत्रालय भारत सरकार के द्वारा जारी सार्वजनिक सूचना “खुले या परित्यक्त बोरवेल,ट्यूबवेल में छोटे बच्चों के गिरने से होने वाली घातक दुर्घटनाओं की रोकथाम-विनियम” की अक्षरशः पालना सुनिश्चित किये जाने के लिए निर्देशित किया गया है।
उन्होंने बताया कि उच्चतम न्यायालय द्वारा दिये गये दिशा-निर्देशों की पालना में समस्त विकास अधिकारी, अधीशाषी अभियन्ता कार्यवाही करना सुनिश्चित करें:- भूमि,परिसर के मालिक द्वारा बोरवेल, ट्यूबवेल के निर्माण से पहले कम से कम 15 दिन पूर्व ग्राम पंचायत को लिखित रूप से सूचित किया जावे।
प्रत्येक पंचायत समिति स्तर पर, उनके अधिकार क्षेत्र में संचालित ड्रिलिंग रिगों के पंजीकरण और ड्रिल किए गए कुओं का ग्रामवार, ग्राम पंचायत वार डेटाबेस तैयार किया जावे।
ग्राम पंचायतें यह सुनिश्चित करें किः-कुएं के पास निर्माण के समय साइनबोर्ड का निर्माण किया जावे, जिस पर कुएं के निर्माण,पुनर्वास के समय ड्रिलिंग एजेंसी का पूरा पता एवं उपयोगकर्ता एजेंसी, कुएं के मालिक का पूरा पता लिखा जावे।
निर्माण के दौरान कुएं के चारों ओर कांटेदार तार की बाड़ या कोई अन्य उपयुक्त अवरोध खड़ा किया जावे। कुएं के आवरण के चारों ओर 0.500.500.60 मीटर (जमीनी स्तर से 0.30 मीटर ऊपर और जमीन के स्तर से 0.30 मीटर नीचे) नाप वाले सीमेंट, कंक्रीट प्लेटफॉर्म का निर्माण कर स्टील प्लेट को वेल्डिंग करके या बोल्ट और नट के साथ केसिंग पाइप पर एक मजबूत कैप लगाकर वेल असेंबली की कैपिंग किया जावे।
ग्राम पंचायत द्वारा यह सुनिश्चित किया जावे कि पम्प की मरम्मत के समय ट्यूबवेल को खुला नहीं छोड़ा जावे एवं कार्य पूरा होने के बाद मिट्टी के गड्डों और नालियों को भर दिया गया हो।
मुख्य कार्यकारी अधिकारी, जिला परिषद् द्वारा यह सुनिश्चित किया जावे कि उपरोक्त दिशानिर्देशों का पालन किया जा रहा है एवं संबंधित एजेंसियों के माध्यम से बोर होल, ट्यूबवेल की स्थिति के बारे में उचित निगरानी जांच की जा रही है एवं जिला कलेक्टर को इस संबंध में नियमित रुप से सूचित किया जावे। ग्राम पंचायत, पंचायत समिति स्तर पर खोदे गए बोरवेलों, नलकूपों की स्थिति,उपयोग में आने वाले कुओं की संख्या, बोरवेलों, नलकूपों की संख्या जो खुले पाए गए, बोरवेलों, नलकूपों की संख्या जो जमीन के स्तर तक ठीक से भरे हुए हैं और शेष जमीन तक भरे जाने वाले बोरवेलों, ट्यूबवेलों की निगरानी ग्राम पंचायत द्वारा की जावे एवं उक्त सूचना पंचायत समिति स्तर पर संकलित की जावे। उक्त सूचना नियमित रुप से मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद के माध्यम से जिला कलेक्टर को उपलब्ध करवाई जावे।
उन्होंने निर्देश दिये कि यदि कोई बोरवेल, ट्यूबवेल किसी भी स्तर पर ‘त्याग’ कर दिया जाता है, तो ग्राम पंचायत द्वारा संबधित एजेंसियों द्वारा ‘परित्यक्त’ है एवं बोरवेल, ट्यूबवेल को जमीनी स्तर तक ठीक से भर दिया गया है, का एक प्रमाण पत्र प्राप्त किया जावे एवं परित्यक्त कुओं का निरीक्षण भी संबंधित एजेंसी, विभाग द्वारा करवाया जाना सुनिश्चित करें। उपरोक्त ऐसे सभी आंकड़ों की जानकारी पंचायत समिति स्तर पर संकलित कर मुख्य कार्यकारी अधिकारी, जिला परिषद् के माध्यम से जिला कलेक्टर को समय-समय पर उपलब्ध करावें
इसके अलावा, केन्द्रीय भू-जल विभाग के दिशा-निर्देशों के अनुसार यदि मौजूदा कुआ यांत्रिक विफलता के कारण निष्क्रिय हो जाता है, तो निष्क्रिय कुएं को ठीक से सील कर दिया जाएगा। उपयोगकर्ता को इस संबंध में दस्तावेजी प्रमाण प्रस्तुत करना आवश्यक होगा।