झुंझुनूताजा खबर

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी एवं जनवादी संगठनों ने केंद्र व राज्य सरकार के खिलाफ भरी हुंकार

झुंझुनू जिला कलेक्ट्रेट के बाहर आयोजित की विरोध प्रदर्शन सभा

झुंझुनू, आज जिला मुख्यालय पर मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी एवं उसके जनवादी संगठनों ने केंद्र व राज्य सरकार के खिलाफ हुंकार भरते हुए विरोध प्रदर्शन किया। शहीद स्मारक से रैली के रूप में आकर किसानों ने जिला कलेक्ट्रेट के बाहर नारेबाजी कर विरोध प्रदर्शन करते हुए सभा भी आयोजित की। इस सभा को अखिल भारतीय किसान महासभा, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी एवं इससे संबंधित अन्य संगठनों के वक्ताओं ने संबोधित किया। किसान नेता फूलचंद बर्बर ने जानकारी देते हुए बताया कि केंद्र सरकार कोरोना के बहाने सार्वजनिक उपक्रमों को बेचने का प्रयास कर रही है उसके खिलाफ यह हमारा विरोध प्रदर्शन है। साथ ही हमारी मांग है कि प्रत्येक व्यक्ति को सरकार 7500 रु सहायता के दे जिससे बाजार को खड़ा किया जा सके। वहीं देश के अनाज गोदाम भरे हुए हैं ऐसी स्थिति में कोरोना काल में सरकार प्रत्येक व्यक्ति को 10 किलो अनाज भी प्रदान करें। प्रधानमंत्री केयर फण्ड को कोरोना बीमारी पर खर्च किया जाए। सरकार उसे कोरोना के प्रचार-प्रसार पर खर्च नहीं करके मेडिकल संसाधनों को बढ़ाने में इसका उपयोग करें जैसा विदेशों में भी किया जा रहा है। इसके साथ ही राजस्थान की सरकार भी केंद्र सरकार के कदमों पर चल पड़ी है बीमारी पर इसका ध्यान नहीं है। बिजली में वीसीआर के नाम पर लूट मचा रखी है। किसान नेता ने जानकारी देते हुए बताया कि पूरे देश भर में स्थानीय मांगों के साथ आज हम सरकार का विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इससे पूर्व हम 20 अगस्त को जिला प्रशासन को ज्ञापन देकर अपनी मांगों से अवगत करवा चुके हैं। आज विरोध प्रदर्शन के बाद हम इसकी जानकारी लेंगे। यदि मांगे पूरी नहीं हुई तो जनता को प्रदेश की सड़कों पर उतारने का कार्यक्रम करेंगे। वहीं उन्होंने कहा कि हमने आंदोलन करके कई मांगे सरकार से मंगवाई है इसी क्रम में बिजली के 6 महीने के बिल सरकार से माफ करवाएंगे। वही आपको बता दें कि जिला मुख्यालय पर गाड़ियां लेकर वामपंथी संगठनों के कार्यकर्ता और पदाधिकारी सुबह 10:00 बजे के बाद से ही इकट्ठा होना शुरू हो गए। उसके बाद में जिला कलेक्ट्रेट पर नारेबाजी कर अपना आक्रोश प्रकट किया। इस अवसर पर मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी, अखिल भारतीय किसान महासभा, एसएफआई सहित अन्य वामपंथी संगठनों के कार्यकर्ता और पदाधिकारी उपस्थित रहे।

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