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भारत विज्ञान के बल पर विश्वगुरू — राज्यपाल कलराज मिश्र

राज्यपाल ने सांईस इंडिया मैगजीन का किया विमोचन

सोभासरिया में प्रो. एस.एन. बोस के योगदान पर कार्यक्रम का आयोजन

सीकर, सोभासरिया ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस में भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में वैज्ञानिकों और वैज्ञानिक संस्थानों के योगदान: प्रो. एस.एन. बोस“ विषय पर कार्यक्रम आयोजित हुआ। भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय तथा विज्ञान भारती के संयुक्त तत्वावधान में “आजादी का अमृत महोत्सव“ श्रृंखला के अंतर्गत आयोजित कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने अपने उद्बोधन में भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में वैज्ञानिकों और वैज्ञानिक संस्थानों के योगदान एवं अन्य संबधित विषयों पर विचार विमर्श करते हुये आज के समय की आवश्यकता बताते हुए भारतीय संस्कृति और वैज्ञानिक सरोकारों से नई पीढ़ी से जोड़ने के महत्व पर प्रकाश डाला। ब्रिटिश राज द्वारा भारतीय विज्ञान के विकास तथा भारतीय वैज्ञानिकों के योगदान को सही पहचान न देने के बावजूद भारतीय वैज्ञानिको ने न केवल अपना कार्य जारी रखा बल्कि भारत को नई उपलब्धियां हासिल करने में सहायता की। जगदीश चन्द्र बसु, महेन्द्र लाल सरकार तथा प्रफुल्ल चन्द रे जैसे अनेक महान वैज्ञानिकों का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया की सत्येन्द्र नाथ बोस एवं अन्य वैज्ञानिको ने भारतीय गौरव को विश्व भर में स्थापित किया तथा हमारी प्राचीन विज्ञान परम्परा को फिर से जीवंत किया। राज्यपाल कलराज मिश्र ने संविधान की उद्देशिका का वाचन किया एवं नागरिकों को उनके मूल कर्तव्य से अवगत करवाया। कार्यक्रम के अन्तर्गत विद्यार्थियों के लिए विज्ञान प्रदर्शनी, पोस्टर प्रतियोगिता, मॉडल प्रतियोगिता का आयोजन किया गया तथा विजेताओं को पुरस्कृत किया गया।

सरस्वती वंदना से आरम्भ हुए इस कार्यक्रम में ग्रुप प्राचार्य डॉ. एल सोलंकी के स्वागत भाषण के पश्चात प्रोफेसर एसएन बोस के जीवन पर डॉक्यूमेंट्री का प्रदर्शन किया गया। डॉक्यूमेंट्री में उनके विज्ञान में योगदान के अलावा राष्ट्रीय संघर्ष में योगदान को भी दिखाया गया। कीनोट स्पीकर डॉ रणजीत विश्वास ने अपने प्रेजेंटेशन में प्रोफेसर एस एन बोस का जीवन परिचय दिया उन्हें महान वैज्ञानिक के साथ-साथ समाज सुधारक तथा देशभक्त भी बताया। उन्होंने बताया कि वह रिसर्च पेपर की अपेक्षा इनोवेशन को अधिक महत्व देते थे, वह संगीत सुनते नहीं देखते थे और उन्होंने स्वदेशी आंदोलन में भी भाग लिया, वह मातृभाषा के प्रबल समर्थक थे।

सीकर सांसद द्वारा प्रदर्शनी का उद्घाटन :—

सीकर सांसद सुमेधानंद द्वारा विद्यार्थियों द्वारा विज्ञान पर तैयार किए गए विभिन्न प्रोजेक्ट्स का उद्घाटन किया गया। सीकर सांसद, बीटीयू वाइस चान्सलर ए एस विद्यार्थी एवं सोभासरिया ग्रुप प्रतिनिधि सीए सुनील मोर तथा ग्रुप रजिस्ट्रार प्रदीप शर्मा द्वारा अतिथियों के स्वागत के पश्चात विज्ञान भारती सचिव डॉ मेघेेेंद्र शर्मा ने अपने उद्बोधन में उपेक्षित 22 वैज्ञानिकों का जिक्र करते हुए बताया कि यह अभियान उपेक्षित वैज्ञानिकों को प्रकाश में लाने के लिए चलाया जा रहा है।
सीकर सांसद ने प्राचीन ग्रंथों वेद, वेदांग तथा उपनिषद का वर्णन करते हुऐ प्राचीन ज्ञान को नवीन विज्ञान से जोड़ा। उन्होंने अपने उद्बोधन में वृहद विमान शास्त्र ग्रंथ का उल्लेख किया जिसमें ध्वनि रहित विमान का वर्णन किया गया है। साथ ही उन्होंने विज्ञान भारती के इस अभियान की प्रशंसा की।

कार्यक्रम में सीकर सांसद सुमेधानन्द सरस्वती, सत्येन्द्र नाथ बोस नेशनल सेंटर फॉर बेसिक साइंसेज, कोलकाता के सीनियर प्रोफेसर रणजीत विश्वास, केन्द्रीय विश्वविद्यालय, अजमेर के कुलपति प्रो. आनंद भालेराव, बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अम्बरीश एस. विधार्थी, सोभासरिया प्राचार्य डॉ एल सोलंकी, विज्ञान भारती के वाईस प्रेजिडेंट तथा इंडियन मेट्रोलॉजिकल विभाग के पूर्व निदेशक डॉ एल.एस राठौड़, नेशनल इनोवेशन के निदेशक तथा विज्ञान भारती के राष्ट्रीय सचिव डॉ. अरविन्द एस रानाडे, विज्ञान भारती के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. लक्ष्मण सिंह राठौड़, विज्ञान भारती, राजस्थान के सचिव डॉ. मेघेन्द्र शर्मा तथा अरावली वेटनरी कॉलेज, सीकर के निदेशक पवन जोशी एवं अन्य सभी वक्ताओं ने प्रो. एस.एन बोस की जीवन यात्रा तथा स्वतंत्रता संग्राम में उनके योगदान से जुड़ी विभिन्न घटनाओं द्वारा उनके देश प्रेम से उपस्थित विद्यार्थियों एवं व्याख्याताओं को अवगत कराया। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य उपेक्षित वैज्ञानिकों को प्रकाश में लाना रहा।

इस दौरान संभागीय आयुक्त डॉ. मोहन लाल यादव, पुलिस महानिरीक्षक सत्येन्द्र सिंह, जिला कलेक्टर सौरभ स्वामी, पुलिस अधीक्षक परिस देशमुख, सीकर उपखण्ड अधिकारी जय कोशिक, रींगस राकेश कुमार, हरीराम रणवां, शिवपाल ख्यालिया, गोविंद जयसवाल,सीए सुनिल मोर, अरविन्द राणा,विवेक जांगिड़, अरविन्द राणा सहित विभिन्न शिक्षण संस्थानों, सोभासरिया इंजीनियरिंग महाविद्यालय के छात्र—छात्राएं सहित गणमान्य नागरिक उपस्थित रहें।

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