रमजान उल मुबारक महीने के दूसरे जुमे की नमाज यहां शहर की एतिहासिक जामा मस्जिद सहित तमाम मस्जिदों में हजारों मुस्लमान भाईयों ने अदा की। इस मौके पर जामा मस्जिद के पेस इमाम हाफिज मोहम्मद इब्राहिम ने देश में शांति और सद्भाव बनाए रखने की अल्लाताला से दुआ की। रोजेदारों ने मस्जिदों में सिर झुकाकर नफरत और दूरियों को खत्म करने व अमनचैन की दुआ मांगी। रमजान के महिने में कुरान की तिलावत करने से रोजे का शवाब बढ़ जाता है। इसी शवाब को हासिल करने के लिए मस्जिदों में रोजेदारों की संख्या दूसरे जुमे को काफी अधिक रही। मस्जिदों में सुबह से नवाज की तैयारियां शुरू हो गई, जो जुमतुल बिदा की नवाज के समय तक चलती रही। ईदगाह स्थित जामा मस्जिद परिसर तो नवाज शुरू होने से पूर्व ही ठसाठस भर गया। बाद में आए नवाजियों को सडक़ पर बैठकर ही नवाज अदा करनी पड़ी। नए कपड़ों में रोजेदार खूब उत्साह से शामिल हुए। मस्जिद में प्रवेश कर सभी ने वूजु किया। नवाज के बाद नवाजियों ने जरूरतमंदों को रुपए तथा अन्य वस्तुएं बांटी। जुमे का दिन इबादत के लिहाज से खास माना गया है। बाकी दिनों के मुकाबले इस दिन का खास मुकाम है। आम दिनों भी जुमे को लेकर मुस्लिम समुदाय में एक खास जोश देखा जाता है फिर यह तो रमजान मुबारक का दूसरा जुमा था। जुमे के दिन कुछ लोग मस्जिद जल्दी पहुंचकर कुरआन की तिलावत करते है। बच्चे भी इस नवाज में बड़े जोश के साथ शामिल हुए। आसपास के गांवों से भी नमाजी बड़ी तादाद में जामा मस्जिद में जुमे की नमाज में शामिल होने के लिए आए।