जैन समाज के तत्वावधान में सोमवार को श्रुत पंचमी महोत्सव श्रद्धा-भक्ति के साथ मनाया गया। प्रात: दीवान जी की नसियां से जीनवाणी मां (जैन ग्रंथ) की शोभायात्रा निकाली गई। जो शहर के मुख्य मार्गो से होकर वापिस नसियां पहुंची, जहां विधान, पूजन, भक्ति एवं आरती के साथ धार्मिक कार्यक्रम सम्पन्न हुए। जैन महिला मंडल की अध्यक्षा शान्ति देवी छाबड़ा ने बताया कि इस दिन जैन धर्म के महान मंत्र णमोकार एवं षटखंडागम ग्रंथ की लिपिबद्ध रचना पूर्ण हुई थी। यह ग्रंथ महावीर स्वामी के मोक्ष जाने के 614 वर्ष के बाद पहली बार लिखा गया इसलिए यह महान पर्व श्रुत पंचमी के नाम से प्रति वर्ष मनाया जाता है ।