खरीफ 2024-25 में 12 हजार मृदा नमूनों की जांच का लक्ष्य
चूरू, जिले में लगातार खेती के कारण जमीन में पोषक तत्वों की कमी को पूरा करने के लिए खरीफ 2024-25 में 12 हजार मृदा नमूने संग्रहीत कर उनका विश्लेषण कर मृदा स्वास्थ्य कार्ड किसनों को उपलब्ध कराने के लक्ष्य प्राप्त हुए हैं। संयुक्त निदेशक (कृषि विस्तार) डॉ जगदेव सिंह ने बताया कि जिले में लगातार खेती, कार्बनिक पदार्थ की कमी के कारण मिट्टी की उपजाऊपन क्षमता धीरे-धीरे कम हो रही है। मिट्टी में पोषक तत्वों सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी के कारण उचित प्रबंधन जरूरी है। इसके लिए वर्ष में जिले को खरीफ 2024-25 में 12000 मृदा नमूने संग्रहीत कर उनके विश्लेषण कर मृदा स्वास्थ्य कार्ड किसानों को उपलब्ध करवाने के लक्ष्य प्राप्त हुए हैं, जो जिले के समस्त कृषि पर्यवेक्षकों को आवंटित किए जा चुके हैं। कृषि पर्यवेक्षकों द्वारा लक्ष्य अनुसार मृदा नमूने मई माह में एकत्रित कर मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला चूरू तथा तारानगर में जमा करने के निर्देश दिए गए हैं ताकि खरीफ की बुवाई से पूर्व किसानों को नमूनों की जाँच कर मृदा स्वास्थ्य कार्ड उपलब्ध करवा दिए जाएं।
उन्होंने बताया कि जिले के समस्त कृषि पर्यवेक्षकों द्वारा जिले की ग्राम पंचायतों, ग्रामों से मिट्टी के नमूनों का संग्रहण मोबाइल एप के माध्यम से ऑनलाइन किया जा रहा है जिन्हें एकत्रित कर प्रयोगशाला में भिजवाया जा रहा है। इसके साथ ही जो भी किसान अपने खेत की मिट्टी या पानी की जाँच करवाना चाहते हैं, वो स्वयं भी मिट्टी व पानी का नमूना प्रयोगशाला में निर्धारित शुल्क 5 रुपये प्रति नमूना जमा करवाकर जाँच रिपोर्ट प्राप्त कर सकते हैं। किसानों द्वारा फसल की बुवाई से पूर्व मृदा जाँच करवाने से किसानों को अपने खेत की मिट्टी में उपलब्ध पोषक तत्वों की जानकारी मिल जाती है तथा मृदा स्वास्थ्य कार्ड की सिफारिश अनुसार रासायनिक तथा कार्बनिक खाद का आवश्यकतानुसार उपयोग किया जा सकता है ताकि कम लागत से अधिक उत्पादन प्राप्त किया जा सके। उन्होंने अनुरोध किया है कि खरीफ की बुवाई से पूर्व अभी मई माह में खेत खाली है, इस समय किसान अपने खेतों की मिट्टी की जाँच अवश्य करवाएं व कृषि विभाग द्वारा उपलब्ध कराये जाने वाले मृदा स्वास्थ्य कार्ड अनुसार खाद तथा उर्वरकों का प्रयोग करें। खरीफ फसल बुवाई से पूर्व बीज उपचार का भी विशेष ध्यान रखें।