राज्य स्तरीय सैनिक कल्याण सलाहकार समिति के उपाध्यक्ष रामसहाय बाजिया ने सैनिक कल्याण से सम्बंधित बिंदुओं पर की चर्चा, शहीद आश्रितों के प्रति संवेदना का किया आह्वान
चूरू, सैनिक कल्याण सलाहकार समिति के उपाध्यक्ष रामसहाय बाजिया ने कहा है कि सैनिकों की समस्याओं का त्वरित और संवेदनशीलता से समाधान हो तथा शहीदों के आश्रितों के लिए हमारा रवैया सहयोगात्मक होना चाहिए। देश की रक्षा करने वाले सैनिकों और उनके परिवारों की समुचित देखभाल हो, यह हमारा नैतिक दायित्व है। राज्य स्तरीय सैनिक कल्याण सलाहकार समिति के उपाध्यक्ष बाजिया शुक्रवार सवेरे जिला कलक्ट्रेट सभागार में सैनिक कल्याण एवं सैनिकों की समस्याओं से सम्बंधित बिंदुओं पर विचार-विमर्श कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एवं राज्य सरकार इस दिशा में बहुत ही संवेदनशीलता और आत्मीयता रखते हैं। राज्य सरकार सैनिकों और उनके आश्रितों के प्रति जिम्मेदारी का निर्वहन करते हुए वर्तमान में एक स्पष्ट सोच के साथ काम कर रही है, जिससे ड्यूटी पर सैनिकों को अच्छा महसूस होता है तथा सैनिक परिवार भी गौरवान्वित महसूस करते हैं। उन्होंने बैठक में विचारणीय मुद्दों पर चर्चा करते हुए कहा कि सैनिकों के परिवार को सम्मान देने के लिए कार्यक्रम आयोजित किये जायें जिससे उनका मनोबल बढ़े। सभी मिलकर सैनिक परिवारों और उनकी समस्याओं के प्रति जागरूक हों तथा उन्हें सहयोग के साथ सकारात्मक विश्वास दिलाएं।
इस अवसर पर सैनिक कल्याण विभाग के निदेशक ब्रिगेडियर विरेन्द्र सिंह राठौड़ ने सैनिक कल्याण से संबंधित बिंदुओं पर चर्चा करते हुए कहा कि सरकार की एक शहीद परिवार को सम्मान देने की प्रक्रिया में शहीद आश्रितों को किसी भी प्रकार की असुविधा नहीं हो। शहीद और सैनिक परिवारों के सहयोग के लिए आगे आएं और उनकी समस्याओं का त्वरित निस्तारण हो। शहीद के सम्मानपूर्वक मिलने वाली सुविधाओं में किसी भी प्रकार के विवाद में आपसी समझाइश कराते हुए समुचित सुविधाएं मुहैया करवाना सुनिश्चित हो। उन्होंने कहा कि शहीद आश्रितों के परिवारों द्वारा की जाने वाली प्रक्रिया में सरलीकरण हो तथा महत्वपूर्ण मुद्दों पर विशेष समय निर्धारित करते हुए विचार-विमर्श किया जाये।
जिला सैनिक बोर्ड अध्यक्ष एवं जिला कलक्टर सिद्धार्थ सिहाग ने कहा कि सैनिक कल्याण से सम्बंधित बिंदुओं और शिकायतों का संवेदनशीलता से त्वरित समाधान हो, इस दिशा में प्रयास किये जायेंगे। देश सेवा और सैनिक क्षेत्र में जिले और शेखावाटी क्षेत्र का बहुत बड़ा योगदान है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की विशेष पहल पर आयोजित हो रहे महंगाई राहत कैम्प, प्रशासन गाँवों के संग अभियान व प्रशासन शहरों के संग अभियान में पेंशन, पहचान-पत्र तथा विशेषकर द्वितीय विश्वयुद्ध से जुड़े सैनिक कल्याण के मुद्दों को शामिल किया गया है। इसलिए सभी सैनिक एवं शहीद आश्रित कैम्प का भरपूर लाभ उठायें। उन्होंने कहा कि एक ऎसा तंत्र विकसित किया जाये जिसमें सभी सैनिकों का डेटाबेस तैयार हो, जिससे उनको स्वतः सभी योजनाओं का सरलता से लाभ मिल पाए। उन्होंने सम्बंधित अधिकारियों को शहीद सैनिकों के नाम विद्यालय नामकरण तथा उनके आश्रितों को नियुक्ति के लंबित परिवादों में यथाशीघ्र कार्रवाई करने के निर्देश दिए। उन्होंने सैनिकों से सम्बंधित परिवादों को जन सुनवाई में शामिल करते हुए कहा कि प्रत्येक महीने के तीसरे गुरुवार को होने वाली जिला स्तरीय जन सुनवाई में सैनिक आश्रित अपने परिवादों को रखें ताकि सतर्कता समिति के सहयोग से सरलता और यथाशीघ्र निस्तारण हो सके।
जिला सैनिक कल्याण अधिकारी कैप्टन कंवर दलीप सिंह ने बैठक के दौरान शहीद सैनिकों के नाम विद्यालय नामकरण, शहीद आश्रितों की नियुक्ति के बकाया प्रकरण, गैलेंट्री अवार्ड धारकों के भूमि आवंटन, आवंटित भूमि से सम्बंधित विवादों, विभिन्न वषोर्ं की बकाया झंडा दिवस राशि एकत्रित करने तथा शहीद स्मारक के रखरखाव सहित सैनिक कल्याण से सम्बंधित बिंदु रखे। उन्होंने सैनिक कल्याण कि समस्याओं का उचित राय के साथ काम करते हुए निराकरण का आश्वासन दिया।
इस दौरान जिला सैनिक बोर्ड उपाध्यक्ष कर्नल विक्रम सिंह शेखावत, सीओ राजेंद्र बुरड़क, जिला शिक्षा अधिकारी (माध्यमिक) निसार अहमद खान, एपीआरओ मनीष कुमार, एलडीएम अमरसिंह, सामाजिक कार्यकर्ता डॉ बी के चौधरी, मेजर रामकुमार कस्वां, कप्तान कल्याण सिंह, कप्तान बलबीर सिंह, सैनिक लैब के राहुल कस्वां, पृथ्वी सिंह सहित अन्य मौजूद रहे।