जिला एवं सेशन न्यायाधीश अतुल कुमार सक्सेना ने कहा है कि त्वरित न्याय का लोक अदालत सशक्त माध्यम है। वे शनिवार को यहां राष्ट्रीय लोक अदालत के उद्घाटन अवसर पर बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि नालसा व राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार राष्ट्रीय लोक अदालत का झुंझुनू जिले में स्थित सभी न्यायालयों में आयोजन किया जा रहा है, जिसमें 3,778 मामलें सुनवाई हेतु रखे गये है, जिसमे 1,795 मामले प्री-लिटिगेसन के तथा 1,983 मामलें जो विभिन्न न्यायालयों में लम्बित है तथा पूरे जिले में कुल 20 बैंच का गठन किया गया है। उन्होंने बताया कि गत राष्ट्रीय लोक अदालत में 305 मामलें प्री-लिटिगेसन के व 979 मामलें लम्बित मुकदमों का आपसी राजीनामा से निर्णय हुआ था। उन्होंने आमजन का आह्वान किया कि वे अपने लम्बित मामलें लोक अदालत के माध्यम से ज्यादा से ज्यादा निस्तारित करवायें, क्योंकि इससे जहां दोनों पक्षों को त्वरित न्याय मिलता है वहीं न्यायालयों पर भी मुकदमों का भार कम होता है। उन्होंने कहा कि लोक अदालत के माध्यम से होने वाले मामलों के निस्तारण में दोनों ही पक्षों की विजय होती है तथा इसकी अपील भी नहीं होती है। उन्होंने बताया कि आज पूरे भारत में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि दीवानी मामलों में लोक अदालत के माध्यम से होने वाले निस्तारण में न्याय शुल्क भी वापस लौटा दिया जाता है।