झुंझुनू जिला परिषद की साधारण सभा की बैठक के दौरान मीडिया कर्मियों को रोका कवरेज से
ज्यादातर अधिकारी बिना तैयारी के आए मीटिंग में
झुंझुनू, झुंझुनू जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद की साधारण सभा की बैठक के दौरान जिला परिषद सदस्य पंकज धनकरड़ द्वारा सोलाना गांव में नाले बनाने को लेकर भ्रष्टाचार की बात कहते हुए एसीबी को शिकायत करने की बात कही तो मुख्य कार्यकारी अधिकारी इतना बोखला गए कि उन्होंने कवरेज कर रहे मीडियाकर्मियों तक को रोक डाला। जिला परिषद सदस्य पंकज धनखड़ का कहना था कि सोलाना गांव में जो 40 लाख रुपए के बजट से नाला बनवाया जा रहा है उसकी कोई आवश्यकता नहीं है क्योंकि गांव के अंदर सूखती कुइयों का जो निर्माण किया गया है उसमें आज तक पानी निकासी के लिए कनेक्शन नहीं किए गए हैं जबकि नाला निर्माण पर जोर दिया जा रहा है। जहां पर समस्या की बात की जा रही है वहां का वीडियो भी मैंने संबंधित अधिकारियों को भेज दिया है लेकिन अधिकारियों की मिलीभगत और कमीशन बाजी के चलते इतनी बड़ी लागत से नाले के निर्माण पर जोर दिया जा रहा है और जिस स्थान पर समस्या बताई जा रही है वहां पर अधिकारियों के विजिट के दौरान पास में स्थित वाटर वर्क्स के कुएं और नालियों का पानी इकट्ठा करवा दिया जाता है ताकि बड़ी लागत खर्च करके इस नाले को बनाया जा सके। अपनी बात जब साधारण सभा की बैठक में धनकड़ रख रहे थे उसी दौरान मुख्य कार्यकारी अधिकारी की नजर मीडिया कर्मियों पर पड़ी जो अपनी सीट पर बैठकर ही कवरेज कर रहे थे।
मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने मीडिया कर्मियों को कवरेज करने से रोक दिया। जिसके चलते सभी मीडिया कर्मी साधारण सभा की कवरेज छोड़कर बाहर आ गए। वही मीडिया से बात करते हुए पंकज धनकड़ ने कहा कि जहां पर अधिकारियों को कमीशन ज्यादा मिल रहा है वहीं पर काम करवा रहे हैं बाकी जिले में अनेक स्थानों पर वर्षों से समस्या है उनको नजरअंदाज किया जा रहा है। चाहे वह बगड़ से इस्लामपुर जाने वाली सड़क हो या चनाना में पानी की समस्या हो इधर अधिकारियों का ध्यान नहीं जाता है। वही जिला परिषद सदस्य उमेद सिंह निर्वाण ने भी बैठक में नानू वाली बावड़ी में स्थित बांध का मामला उठाते हुए कहा कि पिछले ढाई साल से लगातार वह इस मामले को उठाते आ रहे हैं लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हो रही है। आजादी से पहले ठिकाने के द्वारा बनाए गए नानू वाली बावड़ी के इस बांध को जानबूझकर तोड़ा गया जबकि इसकी कोई जरूरत नहीं थी। पिछले ढाई साल से वह इस मामले में अधिकारियों से जवाब मांग रहे हैं लेकिन हाल ही में उन्हें तो जवाब मिला है उसमें लिखा गया है कि पाइप लाइन के लिए जो बांध तोड़ा गया था उसका भुगतान भी कर दिया गया है। मीडिया से बातचीत करते हुए जिला परिषद सदस्य निर्वाण ने कहा कि बांध को तोड़ने की एनओसी आखिर किसने दी इस पूरे मामले की जांच होगी तो कई अधिकारी इसमें फसेंगे। यह भ्रष्टाचार से जुड़ा हुआ एक बड़ा मामला है।
वही बैठक के दौरान मीडिया को कवरेज से रोकने पर उनका कहना था कि मीडिया लोकतंत्र का चौथा स्तंभ होता है जनता के सामने सच्चाई लाता है मीडिया यदि सामने सच्चाई ला रहा है तो उसमें दिक्कत कहां आ रही है। मीडिया को कवरेज से नहीं रोका जाना चाहिए क्योंकि जनता को भी यह पता चल सके कि कौन जनप्रतिनिधि उनकी समस्या को सदन में उठा रहा है। वहीं जिला परिषद सदस्य पंकज धनकड़ ने मीडिया कर्मियों से बातचीत करते हुए कहा कि सोलाना में नाला निर्माण मैं अधिकारियों द्वारा मिलीभगत करके भ्रष्टाचार करना चाहते हैं जिसके चलते ही मीडिया कर्मियों को रोका गया क्योंकि मुख्य कार्यकारी अधिकारी नहीं चाहते कि लंबे समय से मामला चल रहा है और मीडिया के सामने इसका खुलासा हो इसलिए उन्होंने अधिकारियों का बचाव करने के लिए ऐसा किया। वही उनका कहना था कि जिला परिषद की बैठक में अधिकारियों द्वारा गुमराह करने का काम किया जा रहा है अधिकारी बिना तैयारी के आते हैं विधायक और प्रधानों, जिला परिषद सदस्यों की ही सुनवाई नहीं हो रही है तो आम लोगों की कहां सुनवाई होगी। वहीं जिला परिषद की बैठक के दौरान जिला कलेक्टर भी जिला परिषद के सदस्यों द्वारा उठाई जा रही समस्याओं के संदर्भ में अधिकारियों से समय बाउंड मांगते हुए नजर आए। जिसके चलते यह बात भी प्रमाणित हो रही थी कि बार-बार समस्या उठने पर भी इसका समाधान नहीं हो रहा है। लेकिन इस बार जिला कलेक्टर समस्या के संदर्भ में अधिकारियों से समय बाउंड करते हुए सख्त नजर आए। वहीं जिले में पेयजल की समस्या को लेकर जिला कलेक्टर ने सख्त निर्देश दिए कि कहीं पर भी पेयजल को लेकर समस्या नहीं होनी चाहिए। जरूरत पड़े तो टैंकर की व्यवस्था भी की जाए जरूरत पड़ी तो बजट भी इसके लिए मैं लेकर आऊंगा।