दी चूरू सैन्ट्रल को-ऑपरेटिव बैंक की 63 वीं वार्षिक साधारण सभा की बैठक आयोजित,
मुख्यमंत्री बजट घोषणा एवं नाबार्ड योजनान्तर्गत 09 समितियों में हुआ 100 मैट्रिक टन के नये गोदाम का निर्माण, बैंक ने वर्ष 2022-23 में अर्जित किया 73.52 लाख रुपए का संचित लाभ
चूरू, जिला मुख्यालय स्थित ओंकार वाटिका भवन में शुक्रवार को दी चूरू सैन्ट्रल को-ऑपरेटिव बैंक की 63 वीं वार्षिक साधारण सभा की बैठक आयोजित की गई। बैठक में अध्यक्षता करते हुए राजगढ़ क्रय विक्रय सहकारी समिति अध्यक्ष गणपत राम ख्यालिया ने सभी ग्राम सेवा सहकारी समितियों के अध्यक्षों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि बैंक ने वर्ष 2022-23 में 73.52 लाख रुपए का संचित लाभ अर्जित किया है, जिससे बैंक सदस्यों को 2 वषोर्ं से लगातार लाभांश वितरण कर रहा है। चालू वित्त वर्ष में बैंक द्वारा अल्पकालीन फसली योजना के तहत जिले के 85 हजार 829 किसानों एवं नागरिकों को 418.56 करोड़ रुपयों तथा 9 हजार 120 नए किसानों को भी 5.97 करोड रुपए का ऋण उपलब्ध करवाया गया है।
उन्होंने कहा कि बैंक पूर्णतया सीबीएस सिस्टम पर संचालित है एवं ग्राहकों को सभी आधुनिक बैंकिंग सुविधा दी जा रही है। बैंक द्वारा नाबार्ड एवं राज्य सरकार के सहयोग से ग्राम सेवा सहकारी समितियों में मल्टी सर्विस सेन्टर तथा कस्टमर हायर सेन्टर की सुविधा प्रारम्भ कर दी गई है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री बजट घोषणा एवं नाबार्ड योजनान्तर्गत 09 समितियों में 100 मैट्रिक टन के नये गोदाम का निर्माण करवाया गया है। इसी योजना के अन्तर्गत कुल 06 ग्राम सेवा सहकारी समितियों में गोदाम एंव समिति भवन के मरम्मत का कार्य करवाया गया। इसी के साथ बैंक द्वारा व्यक्तिगत दुर्घटना योजनान्तर्गत किसानों को 14.70 करोड़ रुपए के क्लेम से लाभान्वित करवाया गया। सभी ग्राम सेवा सहकारी समितियों को भी पूर्ण रूप से कम्प्यूटरीकृत किया जा रहा है।
इस दौरान बैठक में बैंक के प्रबन्ध निदेशक मदन लाल ने गत आमसभा का कार्यवाही विवरण प्रस्तुत किया एवं 63 वीं आमसभा के निर्धारित एजेण्डों के अनुसार बैंक के वर्ष 2022-23 के अंकेक्षित लेखों, ऑडिट रिपोर्ट की अनुपालना, बजट की स्वीकृति, स्वीकृत से अधिक हुए व्ययों की पुष्टि, वर्ष 2023-24 के स्वीकृत बजट का अनुमोदन, विकास कार्य योजना की प्रगति व अधिकतम साख सीमा के निर्धारण की स्वीकृति संबंधी प्रस्ताव सदन के पटल पर रखे।
उन्होंने बताया कि विचार-विमर्श के पश्चात सर्वसम्मति से सभी प्रस्ताव पारित किये गये। इसके पश्चात ग्राम सेवा सहकारी समितियों द्वारा व्यवसाय वृद्धि हेतु फसली ऋण के अतिरिक्त अन्य विभिन्न प्रकार 170 कायोर्ं के बारे में जानकारी देते हुए इस ओर विशेष ध्यान देने का आग्रह किया ताकि समिति को अंसतुलन की स्थिति से उबारकर लाभप्रदता की स्थिति में लाने का प्रयास किया जा सके।
बैठक में उपस्थित अध्यक्षों ने बैंक एवं समितियों के विकास संबंधी, नए सदस्यों को ऋण देने एवं व्यवस्थापकों की स्क्रीनिंग हेतु कार्यवाही करने के प्रस्ताव दिए। इस अवसर पर बैंक के संचालक मण्डल के सदस्य सोहन लाल लोहमरोड, हेमसिंह शेखावत, जयप्रकाश शर्मा, धर्मचन्द गोदारा, उप रजिस्ट्रार संदीप शर्मा, जिला सहकार संघ के अध्यक्ष भीखम चंद पुजारी, हॉलसेल भण्डार अध्यक्ष मोहनलाल गढ़वाल, सरदारशहर दुग्ध उत्पादक संघ लालचन्द मूंड, केवीएसएस, रतनगढ अध्यक्ष अर्जुन राम, केवीएसएस सरदारशहर अध्यक्ष लालचंद धीरंग, केवीएसएस अध्यक्ष भगवान दास, भूमि विकास बैंक के सचिव डॉ सुनील मांडिया, मुख्य प्रबन्धक सर्वेश वर्मा, वरिष्ठ प्रबन्धक हजारी राम, सुरेन्द्र सिंह भाटी, सुनिता राजपाल, कमल कुमार पाण्डेय, प्रोग्रामर राजपाल सिंह, बैंकिंग सहायक विपिन मुंजाल सहित जिले भर की ग्राम सेवा सहकारी समितियों, क्रय विक्रय सहकारी समितियाें, उपभोक्ता हॉलसेल भण्डार, दुग्ध उत्पादन सहकारी समितियों एवं अन्य समितियों के 177 प्रतिनिधि अध्यक्षों ने भाग लिया।