झुंझुनू जिला मुख्यालय के एक अधिकारी के अरमानों पर गिरे ओले
ओले गिर गए क्योंकि ओला चुनाव जीत गए
झुंझुनू, कल 4 जून को लोकसभा चुनाव का परिणाम आया और उसके साथ ही झुंझुनू जिला मुख्यालय के एक अधिकारी के अरमानों पर भी ओले गिर गए क्योंकि औला चुनाव जीत गए। दरअसल आपको बता दें कि मतगणना से ठीक 1 दिन पूर्व साहब ने अपने कार्यालय के अधीनस्थ अधिकारी को आदेश दिया कि एमपी साहब आ रहे हैं नाश्ते पानी की व्यवस्था कर लेना। वहां पर तीन चार लोग और भी उपस्थित थे उनमें से एक ने सवाल किया कि एमपी साहब कौन ? तो उन्होंने सत्ता पक्ष की पार्टी के व्यक्ति का नाम ले दिया। यानि मतगणना से पूर्व ही उन्होंने एमपी का दर्जा दे दिया। जैसे भारत के निर्वाचन प्रणाली से यह ऊपर हो या फिर इन्हे अपने तंत्र मन्त्र की शक्ति पर पूरा विश्वास था। जिसके चलते एक बार तो वहां पर बैठे हुए लोग भी सकपका गए कि क्या ऐसा होने वाला है, और सरकारी कार्मिक है या दल बदल कर आये पार्टी के नए पदधिकारी है। खैर इन साहब की क्या बात करनी अभी तक तो राजनेता ही दल बदलते रहते थे लेकिन आजकल इन जैसी अफसरशाही भी अवसरवादी हो चुकी है जिसके यह बहुत उम्दा उदाहरण है। पिछली सरकार में ऊपर तक अपनी पहुंच और मुख्यमंत्री तक की एप्रोच का दबदबा दिखाकर काम करते थे लेकिन जैसे ही सत्ता पलटी इन्होंने भी भरतपुरी लोटे की तरह यू टर्न ले लिया और राजनीति की नब्ज को पहचानते हुए सत्ता पक्ष के नेताओं से साठ गांठ शुरू करनी शुरू कर दी ताकि यहां पर कोई इन्हे दिक्कत ना हो। लेकिन इनको कौन समझाए कि इनका सामना तूफान से हुआ है ना कि वर्षा की बौछारों से, वर्षा की बौछारों से किसी और की ओट में रहते हुए आसानी से बच सकते हैं लेकिन तूफान तो सहारे को भी उड़ा कर साथ ले जाता है और यह तूफान कौन है आप अच्छी तरह से जानते हैं। आप किसी दूसरी दिशा में सोच रहे है तो आप गलत है। हम यहां पर सिर्फ कर्मों के तूफान की बात कर रहे हैं। पिछली सरकार के समय जिला मुख्यालय की कहानी है कि उनके नजदीकी एक अधिकारी थे जिन्होंने इनके सही और गलत होने पर भी कभी कोई विरोध नहीं किया। फिर भी इन्होंने तत्कालीन जिला कलेक्टर के सामने उनकी ही जाकर कार सेवा कर दी ऐसी बहुमुखी प्रतिभा के धनी यह व्यक्ति हैं। साहब को रंग बदलने में इतनी महारत हासिल है कि इनके घर के गोदाम में सब्जियों की पेटी के बीच छुपा हुआ गिरगिट भी इनको देखकर शरमा जाए। साहब इतनी दिमागी कसरत और रस्साकसी जो तिकड़मबाजी इनमें करते हैं यदि यह अपने पद के अनुरूप गरिमा पूर्ण व्यवहार और अपने काम के प्रति निष्ठावान रहे तो इस तिकड़मबाजी की जरूरत भी नहीं पड़ेगी बल्कि बोनस के रूप में सभी लोगों का सम्मान भी इनको मुफ्त मिलेगा।