आंदोलन में राजेंद्र गुढ़ा ने किया था संघर्ष, वहीं भाजपा की तरह तरफ से विशंभर पूनिया रहे थे सक्रिय
झुंझुनू, झुंझुनू शहर के पंचदेव मंदिर के पास करंट लगने के बाद पानी में बहने से इस्लामपुर निवासी जहांगीर की जहां मौत हो गई थी। वही तीन लोग घायल हो गए थे। इसके बाद झुंझुनू के बीडीके अस्पताल में राजेंद्र गुढ़ा के नेतृत्व में जहांगीर के परिवार को मुआवजा के साथ अन्य मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया गया था। इस दौरान लोगों ने अस्पताल के पीछे के गेट को खोलने के लिए भी आग्रह किया था। इस मामले को लेकर राजेंद्र गुढ़ा ने कहा था कि किसी भी प्रकार की इमरजेंसी हो अस्पताल में जल्दी से जल्दी पेशेंट पहुंचे इसके लिए हेलीकॉप्टर से और रास्ते में ट्रैफिक को रोक कर भी मरीज को जाने के लिए रास्ता दिया जाता है लेकिन अस्पताल का पीछे का गेट वर्षों से बंद है क्या यह जेल है। स्वास्थ्य का महकमा सेवा का है कमाई करने के लिए नहीं है इन्होंने गेट क्यों बंद कर रखा है इनको शर्म नहीं आती क्या। पार्किंग के ठेकेदारों के लिए यह हॉस्पिटल है क्या, यह कोई दुकान थोड़ी है स्वास्थ्य विभाग कमाई का विभाग नहीं है यह लोगों के जीवन बचाने के लिए है। जो रवैया है इनका ठीक करना पड़ेगा। वही आपकी जानकारी के लिए बता दें कि शनिवार को जैसे-जैसे आंदोलन जोर पकड़ने लगा उसके साथ ही मौके पर जेसीबी को बुलाया गया और अस्पताल के पीछे के गेट के आगे पड़े हुए कचरे और मिट्टी को ढेर को हटाने का काम शुरू किया गया जिसके चलते यह कयास लगाए गए कि अब गेट को खोल दिया जाएगा। वही वार्ताकारों ने भी मीडिया से बातचीत करते हुए कहा था कि ज्यादातर हमारी मांगे मान ली गई है लेकिन इसके बावजूद भी कल शाम को भी अस्पताल के पीछे के गेट पर ताला लटका हुआ रहा वहीं आज सुबह भी अस्पताल के पीछे के गेट पर ताला ही लटका हुआ है। वहीं इस मामले पर जब बीडीके अस्पताल के पीएमओ संदीप पचार से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि कौन से गेट की बात है मुझे जानकारी नहीं है। जब उन्हें बताया गया कि पिछले गेट पर कल मौके पर जेसीबी बुलाकर कचरा भी आगे से हटाया गया था तो उन्होंने कहा कि मैं मामले को दिखाता हूं। वही आपकी जानकारी के लिए बता दे कि एक समाचार पत्र ने तो आज बाकायदा अस्पताल के पीछे का गेट खोलती पुलिस की फोटो तक प्रकाशित की है।
वही बता दे कि जब कोई बड़ा हादसा या कांड घटित हो जाता है तभी जनप्रतिनिधियों का ध्यान झुंझुनू जिला मुख्यालय के अस्पताल की व्यवस्थाओ की तरफ जाता है और जैसे ही वह मामला शांत हो जाता है फिर से वही रवैया जिला अस्पताल में देखने को मिलता है। साथ ही आपको बता दें कि वर्तमान में बड़ी संख्या में जिला मुख्यालय के अस्पताल में मरीज पहुंच रहे हैं और मेडिकल कॉलेज के लिए भी बड़े अस्पताल का काम जारी है जिसके चलते यहां पर मरीजों के साथ अन्य लोगों का भी आना-जाना बढ़ा हुआ है और अस्पताल का एक नंबर रोड़ पर जो गेट हैं उसके पास में ही निर्माण कार्य के चलते वह मार्ग भी सकड़ा हो चला है और इसी सकड़े मार्ग के अंदर ही दुपहिया वाहन पार्किंग किए जाते हैं। ऐसी स्थिति में अस्पताल के पीछे के गेट को यदि खोला जाता है तो मरीज को जल्दी अस्पताल पहुंचाया जा सकेगा वहीं आमजन को भी सुविधा रहेगी। व्यवस्था के लिए अस्पताल में इतने गार्ड नियुक्त हैं उनमें से भी बारी से ड्यूटी लगाई जा सकती है। शेखावाटी लाइव ब्यूरो रिपोर्ट झुंझुनू