लोकसभा में नियम-377 के तहत्त चूरू संसदीय क्षेत्र का मुद्दा
दिल्ली/ चूरू, सांसद राहुल कस्वां ने लोकसभा में नियम-377 के तहत्त विभिन्न मार्गों पर नई रेलवे लाईन बिछाने हेतु नये सिरे से सर्वे करवाने की मांग रखी। सांसद कस्वां ने सदन में कहा कि चूरू संसदीय क्षेत्र क्षेत्रफल में काफी बड़ा है। साथ ही चूरू संसदीय क्षेत्र सहित सम्पूर्ण शेखावाटी और हनुमानगढ़, बीकानेर के नागरिक बड़ी संख्या में व्यापार व काम के सिलसिले में देश के अलग-अलग हिस्सों में आवागमन करते रहते हैं। रेलवे आवागमन का अत्यंत ही सुलभ माध्यम है। यहां के नागरिकों द्वारा लम्बे समय से वंचित क्षेत्रों को रेलवे नेटवर्क से जोड़े जाने की मांग की जाती रही है। इसके लिए अनेकों बार सर्वे भी रेलवे द्वारा करवाए गए हैं।
सादुलपुर से श्रीडूंगरगढ़ वाया तारानगर, सरदारशहर; सरदारशहर से हनुमानगढ़; नोखा से सीकर वाया बीदासर एवं फर्रूखनगर से सादुलपुर वाया पिलानी ऐसे मार्ग हैं जो आर्थिक, सामरिक व सैन्य दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण हैं; लेकिन आजादी के इतने वर्षों बाद भी रेल सेवा से वंचित हैं। पूर्व में भी इन मार्गों पर रेलवे द्वारा सर्वे करवाया गया है, लेकिन हर बार नेगेटिव आरओआर बताकर इन मार्गों की स्वीकृति नहीं जाती है।
आजादी के इतने वर्षों बाद भी ऐसे महत्वपूर्ण मार्गों का रेल नेटवर्क से नहीं जुड़ना अत्यंत विचारणीय विषय है। सरकार को चाहिए कि अब नीतियों में परिवर्तन कर नेगेटिव आरओआर कंसेप्ट को परे रखते हुए रेल नेटवर्क का विस्तार कर वंचित इलाकों के नागरिकों को लाभान्वित किया जाए। चूरू संसदीय क्षेत्र से गुजरने वाले इन महत्वपूर्ण मार्गों पर अगर नये सिरे से सर्वे करवाकर रेल सेवा से जोड़ा जाता है तो दिल्ली के लिए अतिरिक्त वैकल्पिक मार्ग के साथ-साथ सैन्य दृष्टि से बॉर्डर एरिया तक सीधी पहुंच भी सुनिश्चित हो सकेगी। सांसद कस्वां ने सदन के माध्यम से रेलमंत्री के समक्ष इन मार्गों के महत्व को देखते हुए अतिशीघ्र नया सर्वे करवाने एवं नेगेटिव आरओआर कंसेप्ट को छोड़ते हुए यहां रेल सेवाओं का विस्तार करने की मांग रखी।