लोकसभा में नियम-377 के तहत्त उठाया फसल बीमा का मुद्दा
दिल्ली/ चूरू, सांसद राहुल कस्वां ने लोकसभा में नियम-377 के तहत्त खरीफ-2023 के बकाया फसल बीमा क्लेम का मुद्दा उठाया। उन्होंने सदन में कहा कि चूरू संसदीय क्षेत्र के किसानों को खरीफ-2023 को बीमा क्लेम आज दिन तक नहीं मिल पाया है। बीमा कम्पनियों द्वारा क्रॉप कटिंग डाटा पर बेबुनियाद आपत्तियां लगाई गई हैं। राजस्थान सरकार द्वारा 1 वर्ष से अधिक समय बीत जाने के बावजूद इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है और इस विषय को लेकर राज्य स्तरीय तकनीकी मूल्यांकन समिति (STAC) का गठन नहीं किया गया है। इसके चलते खरीफ-2023 का करोड़ों रू. का बकाया बीमा क्लेम किसानों को नहीं मिल पाया है।
बीमा कम्पनियों द्वारा हर वर्ष बेबुनियाद आपत्तियां लगाकर किसानों का शोषण कर उनके वाज़िब हक से वंचित किया जा रहा है। राज्य सरकार भी किसान हित्तों के संरक्षण की बजाय लगातार उदासीनता दिखा रही है। सांसद कस्वां ने कहा कि किसानों से तो प्रिमियम राशि समय पर ले ली जाती है लेकिन जब बीमा क्लेम देने की बात आती है तो हर बार लेटलतीफी से किसान का शोषण किया जाता है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में प्रावधान है कि यदि किसान को फसल बीमा क्लेम देने में देरी होती है तो बीमा कम्पनी ब्याज सहित राशि का भुगतान करेगी, लेकिन प्रावधानों को कभी लागू ही नहीं किया जाता है।
उन्होने सदन के माध्यम से केन्द्रीय कृषि मंत्री से कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के प्रावधानों के अनुसार किसानों को ब्याज सहित भुगतान करवाया जाना सुनिश्चित करते हुए राजस्थान सरकार को निर्देशित किया जाए कि चूरू संसदीय क्षेत्र में बीमा कम्पनी द्वारा लगाई गई बेबुनियाद आपत्तियों के निवारण हेतु राज्य स्तरीय तकनीकी मूल्यांकन समिति का गठन अतिशीघ्र करवाकर किसानों को उनका पूरा हक दिलवाया जाये। राज्य सरकार इस सम्बन्ध में गंभीरता और संवेदनशीलता दिखाए ताकि किसानों के साथ अन्याय न हो।