रतनगढ़, [सुभाष प्रजापत ] ग्राम गोगासर में आयोजित श्री मद्भागवत कथा के छठे दिन श्री कृष्णानन्द महाराज ने श्री कृष्ण की लीलाओं के दिव्य भक्तिमय प्रसंग सुनाते हुये कहा कि भगवान की सुन्दर लीलायें सबको आंनद देने वाली है, भगवान की कृपा होने से ही उनकी कथा को सुना जा सकता है, वरना मनुष्य व्यर्थ ही संसार में भटकता रहा है और भगवान के समीप कभी जा ही नहीं सकता श्री कृष्ण के विवाह का वर्णन करते हुये बताया कि उपासना काण्ड के मंत्र और कृष्ण भक्ति के उपनिषद तथा आठ प्रकार की प्रकृति ही पत्नी रूप धारण कर श्री कृष्ण के संग विवाह किया, श्री कृष्ण के मंगल विवाह की कथा सबका मंगल करने वाली तथा पापों को मिटाने वाली है।
कथा में संतोष बाबू इंदौरिया, एडवोकेट लक्ष्मण प्रजापत, गिरधारी स्वामी, विष्णु सणखत, दीनदयाल कड़ेल, सुरेंद्रसिंह कोटवाद, जमनसिंह राजवी, चंद्रप्रकाश देरासरी, पवन जोशी, अक्सर अहमद, कमीसन मिली, नंदलाल सिद्ध, लूनाराम सैनी, नथमल इंदौरिया, कुणाल पांडिया, जयकिशन मीना, मनोज मेघवाल, किशनसिंह राठौड़ आदी श्रोताजन उपस्थित थे।