गरिमा बालिका संरक्षण पुरस्कार से
सीकर(प्रदीप सैनी) सामाजिक कार्यकर्ता अभिलाषा रणवां 2 मार्च को राजधानी जयपुर में गरिमा बालिका संरक्षण पुरस्कार से सम्मानित होंगी। यह जानकारी महिला अधिकारिता विभाग की सहायक निदेशक डॉ अनुराधा सक्सेना ने दी। उन्होंने कहा कि अंतराष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य पर महिला अधिकारिता निदेशालय राजस्थान सरकार द्वारा आयोजित राज्य स्तरीय समारोह में बेटी बचाओ बेटी पढाओ सीकर की ब्रांड एम्बेसडर अभिलाषा रणवां को राज्य स्तरीय गरिमा महिला संरक्षण पुरस्कार से नवाजा जाएगा। 2 मार्च को राज्य कृषि प्रबंध संस्थान दुर्गापुरा जयपुर में आयोजित कार्यक्रम में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, राजस्थान सरकार के द्वारा महिला बाल विकास राज्य मंत्री ममता भूपेश के हाथों सम्मानित किया जाएगा। अभिलाषा द्वारा बेटी बचाओ-बेटी पढाओं की ब्रांड एंबेसड़र के तौर पर बालिका शिक्षा और नारी सशक्तिकरण की दिशा में किए गए कार्यों की गूंज राष्ट्रिय स्तर पर पहुंच चुकी है। अभिलाषा को 8 मार्च 2015 को जिला प्रशासन सीकर द्वारा जिले की बेटी बचाओ बेटी पढाओ की ब्रांड एम्बेसडर बनाया गया। अभिलाषा द्वारा कच्ची बस्ती की सैंकड़ों जरूरतमंद बालिकाओ को शिक्षा से जोड़ना, कचरा बीनने वाली महिलाओं को हाथ का हुनर सिखा स्वरोजगार से जोड़ना, बालिकाओ का आत्मविश्वास बढाने हेतु लगभग 80 हजार बालिकाओं को स्वयं द्वारा आत्मरक्षा के गुर सिखाने, कन्या भ्रूण हत्या की रोकथाम हेतु सीकर पीसीपीनडीटी टीम के साथ डिकॉय ऑपरेशन मे भाग लेना, बेटी जन्म पर पेड़ लगाने की पहल, लावारिस पायी गयी बालिकाओ का जन्मोंत्सव मनाना, सरकारी अस्पतालों में बेटीयों को जन्म देने वाली माताओ का सम्मान करने सहित अनगिनत कार्यों के अलावा बेटियों के प्रति समाज में सकारात्मक सोच विकसित करने हेतु किए गए नवाचारों जिनमें महिलाओं के हाथों की शोभा लाख के कंगन पर बेटी बचाओ-बेटी पढाओ के संदेश अंकित करवाकर हजारों महिलाओं को वितरीत किए गए। जिसकी सराहना महिला एवं बाल विकास विभाग भारत सरकार व राजस्थान सरकार द्वारा की गयी। साथ ही गैस सिलेंडर, रूमाल, पेन पर भी बेटी बचाओ-बेटी पढाओं के संदेश चस्पाए गए। अभिलाषा द्वारा प्रकाशित “माँ मेरी पुकार सूनो” लेखों व वॉल पेंन्टिग के माध्यम से बेटी बचाओ-बेटी पढाओं का संदेश आम जन तक पहुंचाया गया। खास बात यह है कि महिला सशक्तिकरण हेतु अभिलाषा द्वारा सीकर जिले में ही नहीं बल्कि अन्य जिलों में भी कार्य किए जा रहे है। कम उम्र में अनगिनत उपलब्धियां अर्जित कर शेखावाटी की बेटी अभिलाषा का उपलब्धि का पर्याय बन चुकी है जो युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा है।