कुम्हार के घर से लाई मिट्टी से बनाई ईशर,गौरा,कानिराम, रोवा एवं मालण की प्रतिमा
इस्लामपुर, नव विवाहिताओं एवं कुँवारी कन्याओ ने गीत गाते हुए आज बुधवार को कुम्हार के घर गणगौर बनाने के लिए गारा मिट्टी लेकर आई। नव विवाहिताए अपने अखण्ड सौभाग्य यानि पति की दीर्घायु एवं कुँवारी कन्याएं अपने मनपसंद वर की कामना के लिए ईशर गौरा, कानिराम, रोवा एवं मालण की प्रतिमा अपने पीहर में एक मिट्टी के कुण्ड में बनायी। हिंदू धर्म में ऐसी मान्यता है। गण (शिवजी) गौरा (पार्वती जी) की पूजा करने से सभी मन्नते पूरी हो जाती है। परम्परागत रुप से बासेड़ा के दिन गणगौर बनाई जाती है। इससे पूर्व होलिका की राख से पिंडिया बनाकर गणगौर का प्रतीक मानकर पूजा की जाती है। शीतला अष्टमी के दिन ठंडा भोजन खाकर गणगौर बनाई गई। इस अवसर पर कल्पना देवी, अंजु देवी, मंजु देवी, पार्वती देवी, अनिता देवी, हिमानी देवी, संतोष देवी, श्वेता, ख़ुशी, काजल एवम मानशी मौजूद थी।