उदयपुरवाटी एसडीएम राम सिंह राजावत को
उदयपुरवाटी, [कैलाश बबेरवाल] क्षेत्र की जयपुर रोड़ पर स्थित उपखंड कार्यालय में उपखंड अधिकारी राम सिंह राजावत को उपखंड के वित्त विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री के नाम एसडीएम को ज्ञापन सौंपकर नाराजगी जताई है। संगठन के सचिव नवीन खांडल ने बताया कि किसी भी राज्य में वित्त व्यवस्था के सफल संचालन का दायित्व लेखा वित्त अधिकारियों के पास होता है, साथ ही प्रत्येक विभाग में कार्य का कुशल संपादन करने की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी का कार्य लेखा एवं वित्त विभाग अधिकारियों को दिया जाता रहा है। क्योंकि प्रत्येक प्रशासनिक अधिकारी को लेखा संवर्ग पर अत्यधिक विश्वास होता है। लेकिन अत्यंत खेद पूर्ण विषय है कि इन दिनों वित्त विभाग द्वारा राज्य की वर्षों से स्थापित एवं सफलतापूर्वक संचालन कोषालय एवं उप कोषालय व्यवस्था को बंद करने की कार्यवाही की जा रही है। इसके साथ ही पेंशन विभाग, आंतरिक जांच विभाग जैसे महत्वपूर्ण विभागों को भी बंद किया जाने की कार्यवाही अमल में ली जा रही है। जिनकी संपूर्ण समीक्षा के बिना समाप्त करने की कार्यवाही की जाने की से राज्य की वित्तीय व्यवस्था पर अत्यधिक दुष्प्रभाव पढ़ने की संभावना अधिक है। इन संस्थाओं की वजह से राज्य के सभी विभागों में भय बना रहता है कि यदि कोई अनियमितताएं की जाती है तो उनकी संस्था उजागर हो सकती है। क्योंकि महात्मा गांधी नरेगा योजना में सामाजिक अंकेक्षण पहले से विद्यमान था। जिसे अत्यधिक वित्तीय अनियमितता को देखते हुए पिछले कार्यकाल में महात्मा गांधी नरेगा योजना में आंतरिक जांच को प्रारंभ किया। उसीको ध्यान में रखते हुए सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा एसडीएम महोदय को प्रदेश के मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया है, यदि सफल स्थाई व्यवस्था में किसी प्रकार का आमूलचूल परिवर्तन किया जाता है तो उसके लिए प्रोजेक्ट के आधार पर शुरू किया जा कर प्राप्त परिणामों की उचित समीक्षा के आधार पर निर्णय लिया जाना उचित रहता है। वित्तीय प्रकरण को केवल कंप्यूटर ऑपरेटर तथा सूचना सहायकों एवं संविदा पर कार्यरत कार्मिकों के अधीन किया जा रहा है। जो लेखा नियमों से पूर्णतया वित्त विभाग की बड़ी वित्तीय अनियमितताएं हो सकती है। जो राज्य की साख एवं वित्त व्यवस्था के लिए विपरीत परिणाम लाने वाली हो सकती है, यदि विभागीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा किसी प्रकार की अनियमितताएं पाई गई हो तो उस पर विस्तृत चर्चा करने के लिए सभी विभागीय कर्मचारी तैयार है। कौषालय व्यवस्था के स्थान पर नवीन पे एंड अकाउंट्स ऑफिस व्यवस्था लागू कर लेखा संवर्ग की भूमिका को भी सीमित किया जा रहा है। जिससे सभी लेखा वित्त विभाग के कर्मचारियों ने नाराजगी जताई है। कुशल वित्तीय प्रबंधन हेतु पदोन्नति के अवसर में वृद्धि कर पुरस्कृत किया जाना चाहिए था। जबकि प्रदेश की सरकार द्वारा इन अधिकारियों एवं कर्मचारियों के अस्तित्व को संकट में डाला जा रहा है। वित्त विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने नाराजगी जताते हुए कहा है कि इस व्यवस्था में किसी भी प्रकार का परिवर्तन नहीं किया जाए। यदि हमारी प्रार्थना को स्वीकार नहीं किया जाता है, तो संगठन के लेखा सेवा के कार्मिकों का अस्तित्व एव महत्व को बचाने के लिए बड़ा आंदोलन करने पर मजबूर होना पड़ेगा। ज्ञापन देने के दौरान उदयपुरवाटी ब्लॉक अध्यक्ष मोहनलाल असवाल, सचिव नवीन खांडल, सांवरमल, बिरजू सिंह, विश्वनाथ, ओम प्रकाश सैनी, सुरेश कुमार, नरेश कुमार, बिट्टू मीणा सहित अधिकारी एवं कर्मचारी मौजूद थे।