जिला कलक्टर सिद्धार्थ सिहाग ने बैठक में दिए निर्देश
चूरू, मुख्यमंत्री बजट घोषणा की अनुपालना में राज्य के प्रत्येक आंगनबाड़ी केंद्र को विद्युतीकृत किया जाएगा। बिजली की सुविधा से वंचित केंद्रों पर चरणबद्ध ढंग से बिजली कनेक्शन दिए जाएंगे। इसके लिए प्रत्येक आंगनबाड़ी केंद्र को कनेक्शन खर्च के लिए 5000 तथा प्रत्येक माह के बिजली बिल खर्च के लिए 500 रुपए का प्रावधान कर इस वित्तीय वर्ष के लिए 1980 लाख रुपए की स्वीकृति जारी की गई है। सोमवार को कलक्ट्रेट सभागार में आयोजित आवश्यक सेवाओं की समीक्षा बैठक के दौरान जिला कलक्टर सिद्धार्थ सिहाग ने इस संबंध में डिस्कॉम एसएई एमएम सिंघवी तथा आईसीडीएस डीडी सीमा सोनगरा को निर्देश जारी करते हुए कहा कि वे राज्य सरकार द्वारा दिए गए निर्देशों एवं स्वीकृति के अनुसार आंगनबाड़ी केंद्रों का विद्युतीकरण सुनिश्चित करें।
इस दौरान जिला कलक्टर ने बिजली, पानी, स्वास्थ्य सहित विभिन्न सेवाओं एवं योजनाओं की समीक्षा करते हुए अधिकारियों से कहा कि वे आपसी तालमेल के साथ काम करते हुए आमजन को बेहतरीन सेवाएं उपलब्ध कराएं। जिला कलक्टर ने लंबित कृषि कनेक्शन समयबद्ध ढंग से जारी करने के लिए समुचित कार्ययोजना बनाने, स्कूलों के ऊपर से जा रही विद्युत लाइनों को हटाने, सामाजिक सुरक्षा पेंशन एवं अन्य योजनाओं में प्रगति अर्जित करने तथा संपर्क पोर्टल पर आने वाली समस्याओं के त्वरित निस्तारण, जल जीवन मिशन को गति देने के निर्देश दिए। बैठक में एडीएम लोकेश गौतम, एएसपी राजेंद्र मीणा, एसीईओ हरिराम चौहान, डिस्कॉम एसई एमएम सिंघवी, सानिवि एसई शिशपाल सिंह, पीएचईडी प्रोजेक्ट एसई राममूर्ति, पीएचईडी एक्सईएन कैलाश पूनिया, जिला साक्षरता अधिकारी ओम फगेड़िया, पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ धनपत सिंह चौधरी, एसीपी मनोज गर्वा सहित अधिकारीगण मौजूद थे।
प्रत्येक ग्राम पंचायत में बनेगा मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र
जिला कलक्टर सिद्धार्थ सिहाग ने बैठक में प्रत्येक ग्राम पंचायत में कम से कम एक मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र बनाने के लिए एसीईओ हरिराम चौहान, आईसीडीएस डीडी सीमा सोनगरा से चर्चा कर निर्देश दिए। जिला कलक्टर ने बताया कि जिस ढंग से जिले में अब तक दस मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र बने हैं, उसी तर्ज पर प्रत्येक पंचायत में कम से कम एक आंगनबाड़ी केंद्र मॉडल बने, यह हमारी कोशिश होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी केंद्रों की व्यवस्थाएं जितनी बेहतर और व्यवस्थित तथा बाल केंद्रित होंगी, उतना ही ये केंद्र बच्चों के लिए उपयोगी और सार्थक साबित होंगे। आईसीडीएस उपनिदेशक सीमा सोेनगरा ने बताया कि अब तक विकसित किए गए आदर्श आंगनबाड़ी केंद्रों में कक्ष के भीतर और बाहर की दीवारों पर बालकों के लिए रूचिकर और आकर्षक ढंग से चित्र और पाठ्यसामग्री उकेरी गई है।