चूरू, जयपुर में पांच मार्च को विद्याधर नगर स्टेडियम में होने वाले जाट महाकुंभ से पहले गहलोत सरकार ने बड़ा फैसला किया है। जाट समाज को खुश करने के लिए राजस्थान राज्य वीर तेजाजी कल्याण बोर्ड का गठन कर दिया है। सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी है। बोर्ड में एक अध्यक्ष और एक उपाध्यक्ष के साथ साथ सात सदस्यों का मनोनयन किया जाएगा। इनके नामों का एलान जल्द होने की संभावना है। माना जा रहा है कि जाट समाज को खुश करने के लिए इस बोर्ड का गठन किया गया है। राजस्थान जाट महासभा के प्रदेश सचिव अनिल जान्दू ने बताया कि जयपुर में 5 मार्च को होने वाले जाट महाकुंभ के लिए तैयारियां पूरी हो गई हैं। जाट महाकुंभ के संरक्षक राजाराम मील ने राजस्थान के सभी विधायकों, सांसदों को इस जाट महाकुंभ में आमंत्रित किया है और पूरे प्रदेश में इस जाट महाकुंभ के लिए काफी उत्साह है। जान्दू ने बताया कि महाकुंभ का मुख्य उद्देश्य जनसंख्या के अनुसार जाट समाज को आरक्षण मिलना चाहिए। जितनी समाज कि जनसंख्या है, उतना आरक्षण हमें नहीं मिल रहा। काफी विसंगतियां और त्रुटियां हैं, उन्हें सुधारा जाना चाहिए। ओबीसी को 21 के बजाय 27 फीसदी आरक्षण दिया जाना चाहिए। जान्दू ने बताया कि सीएम अशोक गहलोत ने चुनावी साल में वीर तेजा कल्याण बोर्ड का गठन करके किसान जातियों को सियासी मैसेज दिया है। वीर तेजाजी की लोकदेवता के रूप में कई राज्यों में मान्यता है। राजस्थान में मारवाड़ और शेखावाटी क्षेत्र में जाट वर्ग में वीर तेजा की मान्यता ज्यादा है, इस भावनात्मक जुड़ाव को सियासी रूप से भुनाने के हिसाब से बोर्ड बनाने को अहम माना जा रहा है। सरकार ने एक मांग वीर तेजाजी कल्याण बोर्ड का गठन महाकुंभ होने से पहले ही पूरी कर दी बाकी सभी मांगों पर 5 मार्च को महाकुंभ के माध्यम से सरकार को चेताया जाएगा।