बुलडोजर पर चढ़े पूर्व विधायक कॉमरेड अमराराम, प्रशासन ने फिलहाल कार्यवाही रोकी
बासड़ी-रलावता में भारी पुलिस जाब्ते के साथ कार्रवाई करने पहुंचा प्रशासन
गरीबों के आशियाने नहीं तोड़ने देंगे:–पूर्व विधायक अमरा राम
दांतारामगढ़, [लिखा सिंह सैनी ] दांतारामगढ़ विधानसभा क्षेत्र के बासड़ी गांव में दातारामगढ़ तहसीलदार के नेतृत्व में भारी पुलिस जाब्ते के साथ प्रशासनिक अमला सड़क बनाने के नाम पर गरीबों के घर तोड़ने पहुंचा। बुलडोजर से कार्यवाही शुरू करने पर ग्रामीणों ने भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी के राज्य सचिव कामरेड अमराराम को फोन कर मदद की गुहार लगाई, पूर्व निर्धारित कार्यक्रम छोड़कर कॉ. अमराराम घटना स्थल पर पहुंच कर तहसीलदार को कार्यवाही रोकने के लिए कहा तो तहसीलदार ने नोटिस का हवाला देते हुए कहा कि कार्यवाही जारी रहेगी तो अमराराम जेसीबी के आगे बॉकेट में बैठ गए साथ ही बनवारी लाल निठारवाल व दूसरे कार्यकर्ता भी भी बॉकेट में बैठ गए और कामरेड ने प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि लोगों के आशियाने नहीं तोड़ने दूंगा, अगर ऐसा होगा तो मेरे को मारने के बाद ही होगा। इस संबंध में पूर्व विधायक अमराराम ने बताया कि सारे तथ्यों के साथ गांव वासियों की माकपा प्रतिनिधिमंडल के साथ जिला कलेक्टर से वार्ता हुई थी,जिसमें जिला कलेक्टर ने मकान नहीं तोड़ने का आश्वासन देते हुए कहा था कि सड़क बनाने के लिए प्रयाप्त रास्ता मौजूद है।लेकिन दांतारामगढ़ तहसीलदार ने 1 दिन का नोटिस देकर पुलिस उपाधीक्षक सहित भारी पुलिस बल के साथ लोगों के मकान तोड़ने लगा। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रशासन की कार्यवाही राजनीतिक दबाव मे की जा रही है 1 दिन का नोटिस देना ही सारी कहानी बयान कर देता है।
वही अमराराम के बासड़ी गांव में होने की खबर क्षेत्र में फैलते ही माकपा तहसील सचिव हरफूल सिंह बाजिया, किसान सभा के प्रदेशाध्यक्ष पेमाराम, इंद्रसिंह लांबा, खोरा सरपंच भगवान सहाय ढाका, बनवारी लाल, कामरेड फूलचंद, पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष सुभाष जाखड़, मुकेश रोज, महेश पालीवाल सहित माकपा कार्यकर्ता घटना स्थल पहुंच गए और आखिरकार प्रशासन ने कार्यवाही रोक दी। माकपा ने नाजायज रूप से तोड़े गए मकानों का मुआवजा देने की मांग की है।