न्याय मित्र केके गुप्ता ने शहर में सफाई व्यवस्था का जायजा लेकर कही बात
नगरपरिषद की भेजी गई रिपोर्ट को बताया न्यायालय और सरकार से कोरी मजाक
झुंझुनू, झुंझुनू नगर परिषद क्षेत्र से गंदी स्थिति राजस्थान में कहीं भी नहीं है यह बात पूर्व स्वच्छता ब्रांड अंबेसडर और स्थाई एवं अनवरत लोक अदालत झुंझुनू द्वारा नियुक्त न्याय मित्र केके गुप्ता ने झुंझुनू शहर के दौरे के दौरान देखे गए बुरे हालात के बाद कहीं। न्याय मित्र केके गुप्ता झुंझुनूं दौरे पर है। जहां वे झुंझुनूं नगरपरिषद, नवलगढ़ एवं मंडावा नगरपालिकाओं द्वारा किए जा रहे कार्यों का 7 मई तक सतत निरीक्षण और पर्यवेक्षण करेंगे। केके गुप्ता झुंझुनू शहर में निरीक्षण के लिए निकले तो शहर में विभिन्न जगह पर मौजूदा बदहाल हालात देखकर कहा कि नगरपरिषद ने मुझे जो रिपोर्ट भेजी है, हकीकत इसके बिल्कुल उलट है। बेसहारा घूमते जानवर और यह गंदगी तो जानलेवा है… इसे देखते हुए तो लगता है कि यह रिपोर्ट अपने आप में एक मजाक है जो मेरे साथ नहीं बल्कि जनता, सरकार और न्यायालय के साथ किया गया है। हालात देखने के बाद वे काफी गंभीर नजर आए। उन्होंने कहा विश्वास दिलाता हूं कि आज बैठक में कुछ निर्णय काफी गंभीर होंगे। इस दौरान उन्होंने देखा कि जिलापरिषद के बाहर और नगरपरिषद के सामने की ओर सड़क किनारे फल-सब्जी बेच रहे ठेलों , रेहड़ियों पर प्लास्टिक थैलियों का धड़ल्ले उपयोग कर रहे है।
इसी तरह रोडवेज बस स्टैंड से कुछ पहले एक गली में कीचड़ और गंदगी का अंबार नजर आया जहां दीवार पर लिखा भी था कि यहां कचरा डालना मना है। बस स्टैंड के ठीक सामने वाली गली में बेसहारा गोवंश कचरे में मुंह मारते दिखे। मौके पर ही न्याय मित्र गुप्ता द्वारा सफाई व्यवस्था के बारे में पूछने पर एक दुकानदार ने बताया कि हर वक्त यहां कचरे के ढेर लगे रहते हैं। बेसहारा घूमने वाले जानवर भी लोगों को कई बार घायल कर चुके हैं इनसे भी खतरा बना हुआ है। पोस्ट ऑफिस के निकट रुककर एक नंबर रोड के किनारे बने नाले के हालात भी देखे। नगरपरिषद द्वारा उन्हें भेजी गई रिपोर्ट और हकीकत देखने के बाद केके गुप्ता काफी गंभीर नजर आए, उन्होंने कहा कि इससे गंदी स्थिति तो पूरे राजस्थान में कहीं देखने को नहीं मिली। यह तो आमजन के लिए जानलेवा बीमारी पैदा करने वाली गंदगी है। बस स्टैंड, अस्पताल, पोस्ट ऑफिस जैसे मुख्य स्थानों पर जो स्थितियां आज देखी हैं, उसके लिए तो क्या कहूं मेरे पास शब्द नहीं हैं। लेकिन यह विश्वास दिलाता हूं कि जनता का नुमाइंदा हूं और इसी भाव से 700 किलोमीटर दूर यहां आया हूँ जो मुझे करना है कानूनी रूप से, कल बाकी शहर के निरीक्षण के बाद नगरपरिषद सभापति और अधिकारियों के साथ बैठक में कुछ गंभीर निर्णय करूंगा। वही झुंझुनू शहर के हालात किसी से छुपे हुए नहीं है लेकिन झुंझुनू जिला प्रशासन की नजर कभी भी झुंझुनू नगर परिषद की घोर लापरवाही की तरफ नहीं जाती। ऐसी स्थिति में अब दौरे पर आए न्याय मित्र के के गुप्ता से ही कुछ उम्मीद लगाई जा सकती है।