मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने कहा है कि मुझे महिला होने का गर्व है। मैं महिला होने के नाते महिलाओं की तकलीफ को समझती हूं। इसलिए सबके साथ-साथ मेरा फोकस विशेषतौर पर महिलाओं की तरक्की पर भी रहता है। उन्होंने कहा कि मैंने महिलाओं के लिए जो योजनाएं शुरू की है वे जन्म से लेकर वृद्धावस्था तक महिलाओं को आत्म निर्भर बना रही है। राजे सोमवार को फतेहपुर, लक्ष्मणगढ़ और सीकर में जनसभाओं को सम्बोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि राजश्री योजना में बेटी को लक्ष्मी का रूप मानकर जन्म से लेकर लगातार सरकारी स्कूल में 12वीं कक्षा पास करने तक उसे 50 हजार रूपये हमारी सरकार देती है। इसके अलावा साईकिल, स्कूटी, लेपटॉप, छात्रवृत्ति, स्कूल दूर तो आने-जाने के लिए वाउचर, श्रमिक कार्डधारी है तो विवाह के लिए 55 हजार रूपये देकर महिला को सशक्त किया जा रहा है। महिला परित्यक्ता, विधवा, दिव्यांग और वृद्धा है तो उसे पेंशन दी जा रही है। पालनहार योजना में बच्चों को पालने के लिए 1 हजार रूपये तक प्रति बच्चा हर माह दिये जा रहे हैं। राजे ने कहा कि महिलाओं को घर का मुखिया बनाने के लिए हमने भामाशाह योजना शुरू की। हमारी बेटियों की तरफ कोई आंख उठाकर न देखे इसलिए हमने 12 साल से कम उम्र की बच्ची से दुष्कर्म करने पर फांसी की सजा का कानून बनाया। अब तक 3 आरोपियों को यह सजा सुना दी गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने वर्षों से कमजोर स्थिति में जीवनयापन कर रहे किसानों की तकलीफ समझी और उनके कृषि ऋण माफ किए। देश के इतिहास में पहली बार राजस्थान में 30 लाख किसानों के 9 हजार करोड़ रूपये के कृषि ऋण माफ किए गए। पिछले पौने पांच साल में हमने एक भी बार किसानों के लिए बिजली की दरें नहीं बढ़ाई। उन्होंने कहा कि मार्च 2019 तक किसानों को 2 लाख और कनेक्शन दिए जाएंगे। राजे ने कहा कि हमने 900 करोड़ रूपये की योजना के माध्यम से लक्ष्मणगढ़ और फतेहपुर को हिमालय का मीठा पानी देने का वादा पूरा किया है। धन्नासर से रतनगढ़ होते हुए लक्ष्मणगढ़ तक पाइपलाइन बिछाने सहित विभिन्न कार्य पूरे हो चुके हैं। कुछ ही दिन में लक्ष्मणगढ़ और आस-पास के 164 गांवों को हिमालय का पानी मिलने लगेगा। अगले चरण में पाइपलाइन का काम पूरा कर फतेहपुर तक भी पानी पहुंचा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि दिसम्बर 2018 तक परियोजना में शामिल सभी गांव-कस्बों को पानी मिल जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि जब हम सरकार में आए तब प्रदेश में शिक्षकों के 50 प्रतिशत पद खाली थे। खाली पदों को भरने के लिए हमने 78 हजार शिक्षकों की रिकॉर्ड भर्ती की है। उन्होंने कहा कि 86 हजार और शिक्षकों की भर्ती प्रक्रियाधीन है जिसके पूरे होने के बाद मात्र 2 प्रतिशत वैकेंसी रह जाएगी।
सीकर में अगले साल मेडिकल कॉलेज शुरू- राजे ने कहा कि हमारी सरकार ने प्रदेश में डॉक्टरों की कमी पूरी करने के लिए पांच साल में सात मेडिकल कॉलेजों की सौगात दी हैं। जिनमें से 5 मेडिकल कॉलेजों में कोर्स शुरू हो चुके हैं और सीकर में अगले वर्ष से मेडिकल कॉलेज शुरू हो जाएगा। परियोजना में शामिल सभी गांव एवं कस्बों तक पानी पहुंचा दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने सीकर सहित पूरे शेखावाटी के शहीदों को श्रृद्धांजलि देते हुए कहा कि इन शहीदों से ही इस धरती की पहचान है। शहीदों को श्रृद्धांजलि देने के लिए हमने 15 अगस्त 1947 के बाद हुए शहीदों के आश्रितों को भी सरकारी नौकरी देने के नियम बनाए। पूर्व सैनिकों को राज्य सेवाओं में 5 प्रतिशत आरक्षण देने के साथ-साथ शहीदों के परिवारों के सम्मान भत्ते को दोगुना किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी थानों में शहीदों और सैनिकों की सूची भी तैयार रखी जाएगी। सम्बंधित थानों के थानाधिकारी शहीदों के परिजनों से मिलकर उनकी समस्याओं के समाधान में मदद करेंगे। उन्होंने कहा कि हम सीकर जिले में महाराव शेखाजी प्रीपरेटरी स्कूल खोल रहे हैं। इस संस्थान का निदेशक ब्रिगेडियर रैंक के सेवानिवृत्त अधिकारी होगा। इससे हमारे छात्रों को राष्ट्रीय रक्षा अकादमी में प्रवेश के लिए तैयारी करने का बेहतर अवसर मिलेगा। राजे ने कहा कि सीकर जिले में सडक़ों के विकास के कई कार्य करवाए हैं। यहां 215 करोड़ रूपये की लागत से नागौर-तरनऊ-डीडवाना-सालासर-लक्ष्मणगढ़-मुकुंदगढ़ सडक़ एवं का कार्य पूर्ण हो चुका है। साथ ही 60 करोड़ रूपये से सीकर-गनेड़ी-जसवंतगढ़ सडक़ का काम भी करवाया जा रहा है। नेशनल हाइवे 11 की सीकर-बीकानेर सडक़ का विकास कार्य भी 52 करोड़ रूपये की लागत से पूरा हो चुका है। उन्होंने कहा कि लक्ष्मणगढ़ विधानसभा क्षेत्र की सभी 44 ग्राम पंचायतों में ग्रामीण गौरव पथ स्वीकृत कर दिए गए हैं जिनमें से 31 पंचायतों में गौरव पथ बनकर तैयार भी हो चुके हैं।
2019 तक तैयार होगा शेखावाटी विवि भवन – राजे ने कहा कि हमारी सरकार ने ही पांच साल तक अटकी रही शेखावाटी यूनिवर्सिटी में 2014 में वाइस चांसलर की नियुक्ति की और 2016 में यहां परीक्षाओं का आयोजन शुरू करवाया। इसके बाद वर्ष 2017 में इस विश्वविद्यालय के लिए अलग से बजट आवंटित किया और अब 2019 तक विश्वविद्यालय भवन बनकर तैयार हो जाएगा। इस अवसर पर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री अरूण चतुर्वेदी, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री बाबूलाल, देवस्थान मंत्री राजकुमार रिणवा, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य राज्यमंत्री बंशीधर खण्डेला, सांसद मदन लाल सैनी, सुमेधानंद सरस्वती, राज्य सैनिक कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष प्रेम सिंह बाजोर, विधायक रतनलाल जलधारी, गोरधन वर्मा सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण उपस्थित थे।