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पीएचक्यू 9 फॉर्मूले से होगी शहर के प्रत्येक कोचिंग विद्यार्थी की साइकोलॉजिक काउंसलिंग

ज्यादा पैसों के लालच में सत्र के बीच में दूसरी कोचिंग में जाने वाले टीचर्स और ऐसा करने वाली कोचिंगो पर लगेगी लगाम

कोचिंग विद्यार्थियों को मानसिक संबल एवं सुरक्षा प्रदान करने के लिए जिला स्तरीय कोचिंग संस्थान निगरानी समिति की बैठक आयोजित

सीकर, जिला कलेक्टर डॉ. अमित यादव की अध्यक्षता में गुरुवार को कलेक्ट्रेट सभागार में जिला स्तरीय कोचिंग संस्थान निगरानी समिति की बैठक आयोजित हुई। बैठक में जिले में संचालित कोचिंग संस्थानों पर प्रभावी नियंत्रण तथा इसमें अध्यनरत विद्यार्थियों को मानसिक संबल एवं सुरक्षा प्रदान करने के लिए कोचिंग संस्थानों एवं संबंधित अधिकारियों के लिए दिशा—निर्देश दिए गए। जिला कलेक्टर डॉ. यादव ने निर्देशित किया है कि नशा संबंधी गतिविधियों की लगातार मॉनिटरिंग तथा सभी बच्चों के साथ-साथ हॉस्टल में काम करने वाले कार्मिकों का पुलिस वेरिफिकेशन के संबंध में पूर्व में दिए गए निर्देशों की पालना कर समिति के सदस्यों को जानकारी दिया जाना सुनिश्चित करें।

जिला कलेक्टर डॉ. यादव ने समस्त कोचिंग संस्थानों के प्रतिनिधियों को निर्देशित किया कि उनकी कोचिंग में बच्चों की लगातार काउंसलिंग करवाई जाएं तथा संबंधित विवरण जिला प्रशासन को उपलब्ध करवाया जाए। कोचिंग में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को मानसिक संबल प्रदान करने के लिए वन विभाग के समन्वय से प्लांटेशन ड्राइव शुरू की जा रही है जिसमे सभी कोचिंग संस्थान के प्रतिनिधि, छात्र—छात्राएं भाग लेवे। इसके साथ ही रनिंग, साइक्लिंग और मैराथन जैसी गतिविधियां भी आयोजित करवायें।

बैठक में कोचिंग में अध्यनरत प्रत्येक विद्यार्थी की साइकोलॉजिकल काउंसलिंग के लिए जिला कलेक्टर के निर्देशन में डॉ.रामरतन यादव एवं उनकी टीम द्वारा तैयार पीएचक्यू 9 फॉर्मेट पर विस्तार से विचार-विमर्श किया गया तथा जिला कलेक्टर ने सभी कोचिंग को वेलनेस सेंटर स्थापित करने के लिए निर्देशित किया।
जिला कलेक्टर डॉ यादव ने कोचिंग संस्थानों के प्रतिनिधियों से कहा की सभी कोचिंग संस्थान ई—कंप्लेन पोर्टल विकसित कर कोचिंग विद्यार्थियों की समस्याओं का समाधान करें। कोचिंग और हॉस्टल में स्ट्रिक्टली फायर सेफ्टी स्टैंडर्ड्स को फॉलो किया जाए। जिला कलेक्टर ने निर्देशित किया कि कहीं भी कोई नशीला पदार्थ बेचता हुआ पाया जाता है तो तुरंत पुलिस को सूचित करें।

जिला कलेक्टर डॉ.यादव ने निर्देशित किया कि सत्र के बीच में एक कोचिंग को छोड़कर दूसरे में जाने से संबंधित शिकायतें लगातार विद्यार्थियों के माध्यम से प्रशासन के पास आ रही है तथा बच्चों की साइकोलॉजिकल काउंसलिंग में भी यह बात निकल कर आई है, इसलिए अगर इस तरह की ओर ज्यादा शिकायते सामने आती हैं और विद्यार्थियों को किसी तरह का नुकसान होता है तो प्रशासन इस संबंध में सख्त कार्यवाही करेगा। बैठक में दिए गए दिशा—निर्देशों के अनुसार कोचिंग संस्थान अपने विज्ञापनों में मिथ्या प्रचार—प्रसार और झूठे दावे नहीं करें तथा अपने ब्रोकर्स, पम्पलेट में सफलता दर एवं सिलेक्शन की गारंटी नहीं है तथा सरल एंट्री एग्जिट पॉलिसी और रिफंड के बारे में जानकारी निश्चित रूप से प्रकाशित करें। विज्ञापनों के डिस्क्लेमर में सभी कोचिंग संस्थान आवश्यक रूप से यह लिखे की संस्थान सिलेक्शन की गारंटी नहीं देता है।

बैठक में जिन कोचिंग संस्थानों ने पूर्व में झूठे और भ्रमित करने वाले विज्ञापन जारी किए है, उन पर कार्यवाही करने के संबंध में चर्चा की गई।बैठक में अतिरिक्त जिला कलेक्टर राकेश कुमार, जिला साक्षरता अधिकारी राकेश कुमार लाटा, डीएसओ कपिल उपाध्याय, यूआईटी सचिव राजपाल यादव, डॉ रामरतन यादव, सहायक निदेशक प्रशासनिक सुधार विभाग इंदिरा शर्मा, सीओ सिटी ट्रैफिक विकास, सीओ सीकर ग्रामीण नरेंद्र सहित निगरानी समिति के सभी सदस्य तथा शहर की कोचिंग संस्थानों के प्रतिनिधि एवं मीडिया कर्मी बैठक में उपस्थित रहे।

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