पूर्व पीआरओ ने संभाली कमान
झुंझुनू, शहर के वाशिंदों ने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक ज्ञापन भिजवाकर मांग की है कि लोहारू से रीगस तक डाली जा रही दोहरी रेल लाइन पर रेल पटरी के नजदीक बस रहे लोगों के घरों को छोड़कर दूसरी रेल पटरी डाली जाए, ताकि 70-80 वर्षों से रह रहे लोग बेघर नहीं हो सके। शहर वासियों ने ज्ञापन में लिखा है कि 172 किलोमीटर के इस रेल मार्ग में लोहारू से लेकर रिंग्स तक कई हजार ऐसे परिवार है जो वर्षों से रेलवे के समीप बनी कॉलोनी में अपने मकान बनाकर रह रहे हैं। रेल पटरी के समीप मकान ही नहीं होटल, मंदिर, बगीचे, दुकान आदि भी बने हुए हैं। जयपुर, दिल्ली एवं देश के बड़े शहरों में पहले से ही डाली गई रेल लाइनों के पास आज भी लाखों करोड़ों परिवार अपने आवास में रह रहे हैं। ज्ञापन में प्रधानमंत्री से आग्रह किया गया है कि आप अपनी स्तर पर रेलवे के विशेषज्ञ इंजीनियरों से एवं रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को निर्देश प्रदान करें कि पहले से बसे लोगों को बेघर नहीं करके दूसरा विकल्प निकाले, ताकि लोगों को परेशानी न हो सके।
पूर्व पीआरओ एवं लोकपाल सवाई सिंह मलावत ने बताया कि ज्ञापन की प्रति रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव, झुंझुनू सांसद बृजेंद्र ओला, विधायक राजेंद्र भांभू को भी भिजवाई गई है। ज्ञापन में यह भी लिखा गया है कि अगर लोगों को बेघर किया जाएगा तो लोग धरना, प्रदर्शन, आंदोलन भी करेंगे और सक्षम न्यायालय की शरण में भी जाएंगे