खेत-खलियानताजा खबरसीकर

डीएपी के स्थान पर किसान एसएसपी (सिंगल सुपर फॉस्फेट) एवं यूरिया का करें उपयोग

सीकर, संयुक्त निदेशक कृषि (विस्तार) जिला परिषद सीकर राम निवास पालीवाल ने बताया कि इस बार मानसून की अच्छी वर्षा के कारण जिले के बांधों, जलाशयों, फॉर्म पौंड में पानी की पर्याप्त उपलब्धता के मध्यनजर आने वाले रबी सीजन में फसलों का क्षेत्रफल बढ़ने की संभावना है। फसलों की बुवाई के समय किसानों द्वारा फॉस्फेटिक उर्वरक के रूप में डीएपी के उपयोग का प्रचलन अधिक है। कृषकों द्वारा फॉस्फेटिक उर्वरक के रूप में केवल डीएपी पर अधिक निर्भर होने के कारण मांग के अनुरूप डीएपी उपलब्ध कराने में कठिनाई आती है एवं भूमि में संतुलित पोषक तत्वों की भी आपूर्ति नहीं होती है।

उन्होंने कृषि विभाग की तरफ से आवश्यक सलाह दी है कि बुवाई के समय DAP के विकल्प के रूप में 01 बैग डीएपी के स्थान पर 3 बैग सिंगल सुपर फास्फेट (एसपी) व 1 बैग यूरिया का उपयोग करें। सिंगल सुपर फास्फेट में उपलब्ध फास्फोरस तत्व के अलावा अन्य आवश्यक पोषक तत्व यथा- सल्फर,जिंक , बोरोन आदि पोषक तत्व भी उपलब्ध होते हैं।3 बैग सिंगल सुपर फास्फेट एवं 1 बैग यूरिया में उपलब्ध पोषक तत्वों की लागत डीएपी में उपलब्ध पोषक तत्वों की लागत से कम होती है।वर्तमान में उपयोग हो रहे उर्वरकों से N:P:K के आदर्श अनुपात 4:2:1 का असंतुलन भी हो रहा है। भूमि की उर्वरा शक्ति बनाए रखने एवं उर्वरकों के उपयोग में मुख्य पोषक तत्वों अर्थात N:P:K का अनुपात 4:2:1 बनाए रखने के लिए डीएपी के स्थान पर एसएसपी+यूरिया के अलावा NPK कॉम्प्लेक्स उर्वरक के विभिन्न ग्रेडस यथा – NPK 12:32:16, 20:20:0:13, 19:19: 19 ,16:16:16, 15:15:15 आदि का उपयोग करना चाहिए। रासायनिक उर्वरकों के अत्यधिक प्रयोग से भारत सरकार स्तर से उर्वरकों पर देय अनुदान के वित्तीय भार एवं भूमि की उर्वरता पर विपरीत प्रभाव के मध्यनजर भारत सरकार द्वारा प्रारंभ में की गई पी०एम० प्रमाण योजना (PM Programme For Restoration, Awareness, Nourishment and Amelioration of Mother Earth – PM PRANAM) को अपनाना चाहिए।

भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ाए जाने के लिए कार्बनिक खादों यथा गोबर खाद, कम्पोस्ट खाद ,वर्मी कम्पोस्ट, खली, प्रोम, फोम, एलफॉम, ऑर्गेनिक मैंन्योर इत्यादि का अधिक से अधिक उपयोग किया जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि उर्वरकों की लागत को कम करने एवं भूमि की उर्वरा शक्ति एवं उत्पादन बढ़ाने में सहायक न्यू एज तरल उर्वरक नैनो यूरिया, नैनो डीएपी का उपयोग करना चाहिए। किसान खेतो से मिट्टी नमूने की जांच के आधार पर बनाए गए मृदा स्वास्थ्य कार्ड के अनुसार भूमि में उर्वरकों का उपयोग करें।

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