आओ खेलें और जाने मंच के माध्यम महिलाओं ने खुद को जाना
झुंझुनू, पीरामल फाउंडेशन से गांधी फेलो अनामिका पोरवाल जो झुन्झुनू जिले के किठाना गांव में पिछले 22 दिनों से एक किसान परिवार के साथ रह रही हैं। गांव के जीवन को महसूस करती हुई उसमें समस्याओं को समझने और समाधान करने का कार्य कर रही हैं। इस अवधि के दौरान फैलो ने गांव के लोगों के साथ समय व्यतीत करते हुए उनकी समस्याओं को गहराइयों से समझा। खासकर महिलाओं के साथ लगातार बातचीत की उनके साथ मिलकर मजदूरी पर काम भी किया जिससे उनकी जीवनशैली, चुनौतियाँ और उनकी आवश्यकताओं को समझ सकें। इस दौरान उन्हें पता चला गांव की महिलाएं इस भाग दौड़ भरी ज़िन्दगी में इतना व्यस्त हैं कि खुद को समय नहीं दे पाती हैं। जिसका प्रभाव प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से उनके खुद के जीवन व बच्चों के जीवन पर पड़ता है। इसको देखते हुए आज किठाना गांव में सरपंच सुभीता व संस्था प्रधान सुमन की अध्यक्षता में ग्रामवासियों के सफल प्रयास से महिलाओं के साथ आओ खेलें और जाने नाम से प्रोग्राम आयोजित किया गया। जहां महिलाओं ने सांस्कृतिक गतिविधियों में उत्सुकता के साथ बड़ चढ़ भाग लिया। इस दौरान कार्यक्रम में म्यूजिकल चेयर, स्पून रेस, नृत्य, रस्सी खींच आदि रंगारंग गतिविधियां आयोजित की गईं। आयोजित प्रतियोगिताओं में भाग लेने वाले प्रतिभागियों को सम्मानित किया गया। ग्रामवासियों ने कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा सरपंच से भविष्य में ऐसे कार्यक्रम आयोजित करने के लिए कहा, जिसपर सरपंच ने आश्वासन दिया और कहा ऐसे मंच हम कोशिश करेंगे की हमारे गांव की महिलाओं को मिलते रहें। कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा अनामिका द्वारा किया गया कार्य एक नई दिशा में सामाजिक सुधार की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है और हम उनकी साझा भागीदारी को सराहते हैं। कार्यक्रम के सफल आयोजन में सरपंच सुभीता, विद्यालय से संस्था प्रधान सुमन , किरण कुमार , प्रियंका , ओम , स्कूल के बच्चों व ग्रामवासियों महत्वपूर्ण योगदान रहा। इस दौरान पीरामल फाउंडेशन से पधारे प्रोग्राम लीडर अशगाल खान व खुलूस खान का स्वागत किया गया।