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आपराधिक प्रकरण दर्ज होने पर कंप्यूटर ऑपरेटर की सेवाएं समाप्ती पर हाईकोर्ट ने लगाई सेवा समाप्ति आदेश पर रोक

उदयपुरवाटी, कस्बे के जयपुर रोड़ पर स्थित राजकीय सामुदायिक स्वास्थय केंद्र उदयपुरवाटी जिला झुंझुनू में कैलाश चंद्र सैनी कंप्यूटर ऑपरेटर के पद पर वर्ष 2013 में संविदा पर नियुक्त किया गया था। मेडिकेयर रिलीफ सोसाइटी उदयपुरवाटी झुंझुनू द्वारा जारी निविदा सुचना के अनुशरण में प्रार्थी को उक्त पद पर निरंतर कार्य करवाया गया। प्रार्थी ने मुख्यमंत्री निःशुल्क जाँच योजना के तहत संतोषजनक कार्य किया एवं कोविड काल में भी अपनी सेवाएं खण्ड मुख्य चिकित्सा अधिकारी उदयपुरवाटी के अधीन क्षेत्र में सेवाएं दी। प्रार्थी 2020 से लगातार मुख्यमंत्री निःशुल्क दवा योजना में डाटा एंट्री ऑपरेटर के पद पर भी संतोष जनक कार्य किया है। प्रार्थी के विरुद्ध एससी / एसटी एक्ट के तहत एक प्रथम सुचना रिपोर्ट दिनांक 01.05.2023 को दायर हुई। जिसमे प्रार्थी के विरुद्ध झूठे व् निराधार आरोप लगाए गए। उक्त फौजदारी प्रकरण दर्ज होने एवं प्रार्थी को न्यायालय अभिरक्षा में लिए जाने के कारण उसकी सेवाएं दिनांक 21.05.2023 को समाप्त कर दी। जिसके विरुद्ध प्रार्थी ने अपने अधिवक्ता सुनील कुमार सिंगोदिया के जरिये उच्च न्यायालय में रिट याचिका प्रस्तुत की और प्रार्थी के अधिवक्ता ने तर्क दिया की प्रार्थी की नियुक्ति संविदा कर्मी के रूप में की गई तथा नियुक्ति आदेश के अनुरूप प्रार्थी की सेवाएं आपराधिक प्रकरण दर्ज होने मात्र से समाप्त नहीं की जा सकती है, लेकिन प्रार्थी को सुनवाई का अवसर दिए बिना ही केवल मात्र आपराधिक प्रकरण दर्ज होने पर ही सेवा पृथक कर दिया गया जो कि प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत एवं मूलभूत अधिकारों का उल्लंघन है। प्रार्थी के अधिवक्ता के तर्कों से सहमत होते हुए न्यायधीश सुदेश बंसल ने सेवा समाप्ति के आदेश पर रोक लगाते हुए प्रार्थी को निरंतर सेवा में बनाये रखने के आदेश पारित किया है। साथ ही चिकित्सा विभाग के सचिव, निदेशक व् सी.एम.एच.ओ झुंझुनू, सीएचसी प्रभारी सहित अन्य से जवाब तलब किया।

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