देश की सीमाओं पर अपनी जान कुर्बान कर के देश में रहने वालों की रक्षा करने वाले फौजी जवानों की दिनदहाड़े हत्या हो जाए और उनके परिवार को इंसाफ नहीं मिले और इंसाफ मांगने की इतनी बड़ी सजा मिले कि दूसरे फौजी भाई की भी दिनदहाड़े हत्या करने की बात परिजनों द्वारा कही जा रही है। इससे बड़ी शर्म की बात इस देश के सिस्टम के लिए और क्या होगी। , जी हां हम बात कर रहे हैं मृतक अखिलेश फौजी की जिसकी 2 दिसंबर को सूरजगढ़ के शाहपुरा गांव के पास पीट-पीट कर हत्या कर दी गई थी और उसके बाद सूरजगढ़ थाना इंचार्ज ने परिजनों की शिकायत पर मामले को एक्सीडेंट दिखा कर आरोपियों को बचाने की कोशिश की और मामले को धारा 302 में दर्ज न करके 304 में दर्ज करके गैर इरादतन हत्या करार दिलवा कर आरोपियों को बचा कर उसने फौजी परिवार के साथ नाइंसाफी ही नहीं की बल्कि परिजनों के ये आरोप सही है तो मृतक फौजी अखिलेश के दूसरे भाई फौजी की मौत का खाका भी तैयार कर दिया था। जी हां मृतक फौजी अखिलेश अपने बड़े भाई फौजी संदीप की शादी में छुट्टी लेकर आया हुआ था जिसकी शाहपुरा गांव के पास कुछ लोगों ने पीट-पीट कर हत्या कर दी थी 2 दिसंबर को हुई हत्या का मामला दर्ज करवाने के लिए जब परिजनों ने सूरजगढ़ के थाना इंचार्ज कमलेश चौधरी के पास शिकायत की तो उसने आरोपियों को बचाने के लिए मामले को 304 में दर्ज कर पांच जनों को गिरफ्तार किया और अन्य 3 लोगों को गिरफ्तार नहीं किया इसके बाद परिजन इंसाफ के लिए दर-दर भटकते रहे और 21 जनवरी को परिजनों ने मृतक फौजी अखिलेश को इंसाफ दिलाने के लिए कलेक्ट्रेट पर धरना भी दे डाला। अनिश्चितकालीन चल रहे धरने के दौरान ही आज मृतक अखिलेश का दूसरे भाई फौजी संदीप की भी लाखू गांव के पास ही एक कार से भिड़ंत हो गई। जिसमे उसकी मौत हो गई है। मृतकों के फुफेरे भाई ने आज रोते हुए मीडिया के सामने यह आरोप लगाया है कि यह सड़क हादसा न होकर हत्या का मामला है। यदि यह सही है तो सवाल उठता है कि एक ही परिवार के बल्कि यू कहे कि देश के दो लाडलौ[फौजी ] की हत्या कर दी जाए और हत्यारे खुलेआम घूमते रहे इससे बड़ी सिस्टम की विफलता क्या होगी। मृतक के परिजन अभी भी धरने के ऊपर हैं और उन्होंने घोषणा की है कि जब तक हत्यारों को गिरफ्तार नहीं किया जाएगा हम मृतक संदीप फौजी का शव नहीं लेंगे।