झुंझुनू, बाल विवाह की रोकथाम के लिए जिले के विभिन्न क्षेत्रों में विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में अक्षय तृतीया, पीपल पूखणमा जैसे सावों पर बाल विवाह रोकथाम के लिए जिला कलक्टर लक्ष्मण सिंह कुड़ी द्वारा संबधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा.निर्देश प्रदान किए गये है। उन्होंने बताया कि बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के तहत बाल विवाह एक अपराध है, जिसकी रोकथाम के लिए आवश्यक दण्डात्मक कार्यवाही किए जाने के प्रावधान है, जिससे की बाल विवाह जैसी सामाजिक कुरीतियों को रोका जा सके। बाल विवाह रोकथाम के लिए संबंधित विभिन्न प्राधिकरणों एवं विभागों के बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारियों की ओर से बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के तहत कायोर्ं का निवर्हन किया जाए तथा पुलिस सहभागिता में जिला स्तरीय और उपखण्ड स्तरीय टास्क फोर्स का गठन किया जाएगा। जिला स्तर तथा ब्लॉक स्तर पर 24 घंटे कंट्रोल रूम सकिय रहेगा। इसके साथ ही चाइल्ड हेल्प लाईन नम्बर 1098 तथा पुलिस हेल्पलाइन नम्बर 100 भी सक्रियता से सुचारू रहेगी। उन्होंने निर्देश दिए कि उत्तरदायी अधिकारी एवं कार्मिक अपने-अपने कार्यक्षेत्रों में भ्रमण करते रहेगें तथा यह ध्यान रखेगें कि कोई बाल विवाह न हो पाये। यदि बाल विवाह की सूचना मिलती है तो बाल विवाह का पता लगाकर तत्काल ही संबंधित उपखण्ड मजिस्ट्रेट, कार्यपालक मजिस्ट्रेट अथवा निकटतम पुलिस थाने में इसकी सूचना दी जायेगी तथा तत्काल प्रभाव से अभिभावकों व माता-पिता को पांबद करें।