शेखावाटी के प्रख्यात शिक्षाविद,लेखक,साहित्यकार व शायर मास्टर सिराजुल हसन फारूकी का आज सुबह उनके झुंझुनू स्थित घर पर 93 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। सिराज फारूकी शिक्षा विभाग में वरिष्ठ प्राध्यापक पद पर कार्यरत रहे। सरकारी सेवा से सेवा निवृति के बाद वे पूरी तरह से समाज सेवा से जुड़ गये थे। सिराज फारूकी कई बार नरहड़ दरगाह कमेटी के अध्यक्ष रहे। उनके अध्यक्ष रहने के दौरान विश्व प्रसिद्व नरहड़ दरगाह का बहुत विकास हुआ था। उन्होने दरगाह परिसर में साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दिया था व देश के दूरस्थ क्षेत्रों से आने वाले जायरिनो के ठहरने के लिये दरगाह परिसर में विश्रााम भवन का निर्माण करवाया। उन्होने दरगाह के सामने एक भव्य दरवाजे का निर्माण करवाया जिसका उद्घाटन करने तब के देश के गृह मंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद नरहड़ दरगाह आये थे।
राजस्थान सरकार द्वारा उन्हे राजस्थान वक्फ बोर्ड का सदस्य भी बनाया गया था। पूर्व केन्द्रीय मंत्री शीशराम ओला के वे घनिष्ठ मित्र थे। उनके एक पुत्र रियाज फारूकी है जो राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव रह चुके हैं। आज दोपहर को उनका अन्तिम संस्कार किया गया। उनके जनाजे में पूर्व सभापति खालिद हुसैन, पूर्व सरपंच रमेश सर्राफ धमोरा, रंगलाल लमोरिया सहित काफी संख्या में गणमान्य व्यक्ति शामिल हुये।