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कस्वां ने लिखा- आखिर मेरा गुनाह क्या था ? क्या मैं ईमानदार नहीं था ? ….

चूरू, [सुभाष प्रजापत ] बीजेपी में पांच सांसदों के लोकसभा टिकट कटने के बाद अब नाराजगी के सुर उठने शुरू हो गए हैं। चूरू सांसद राहुल कस्वां ने टिकट कटने के बाद खुलकर नाराजगी जताई है।राहुल कस्वां ने बीजेपी से टिकट कटते ही नाराजगी के संकेत दे दिए थे। 3 मार्च को ही राहुल कस्वां ने सोशल मीडिया पर लिखा था- राम-राम मेरे चूरू लोकसभा परिवार! लेकर विश्वास-पाकर आपका साथ, देकर हर संकट को मात, ध्येय मार्ग पर बढ़ते जाएंगे, उत्थानों के शिखर चढ़ते जाएंगे। आप सभी संयम रखें। आगामी कुछ दिन बाद आपके बीच उपस्थित रहूंगा, जिसकी सूचना आपको दे दी जाएगी।पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ के तारानगर से विधानसभा चुनाव हारने के बाद से राहुल कस्वां पर भितरघात करने के आरोप लगे थे। राजेंद्र राठौड़ ने राहुल कस्वां की भूमिका पर सवाल उठाते हुए हरवाने के लिए काम करने के आरोप लगाए थे। राहुल कस्वां का टिकट कटने के पीछे इसी को बड़ा कारण माना जा रहा है। उनकी शिकायत विधानसभा चुनावों के बाद हाईकमान तक की गई थी।राहुल कस्वां ने टिकट कटने के तीसरे दिन जिस तरह से खुलकर नाराजगी जताते हुए सवाल उठाए हैं, उन्हें बगावत की आहट के तौर पर देखा जा रहा है। राजनीतिक जानकारों के मुताबिक राहुल कस्वां का यह बयान एक तय रणनीति का हिस्सा बताया जा रहा है। पहले पार्टी से टिकट कटने पर जवाब मांगकर आगे का सियासी रास्ता शुरू करने की भूमिका तैयार की गई है। अब तक किसी नेता ने टिकट कटने पर इस भाषा में बयान नहीं दिया।राजस्थान में बीजेपी ने 15 सीटों पर 2 फरवरी ( शनिवार) को उम्मीदवारों की घोषणा की थी। पांच सीटों पर मौजूदा सांसदों के टिकट काटे गए थे। बीजेपी ने चूरू से राहुल कस्वां के साथ बांसवाड़ा से कनकमल कटारा, भरतपुर से रंजीता कोली, जालोर-सिरोही से देवजी पटेल, उदयपुर से अर्जुन मीणा के टिकट काटे गए थे, लेकिन किसी ने नाराजगी नहीं जताई। कस्वां के अलावा सभी ने सोशल मीडिया पोस्ट करके नए उम्मीदवारों को बधाई दी और इस कदम को पीएम के 400 सीट जीतने में योगदान वाला बताया। कस्वां ने टिकट कटने के बाद नाराजगी जाहिर की।जोधपुर से पूर्व सांसद और बीजेपी के वरिष्ठ नेता जसवंत विश्नोई ने भी इशारों-इशारों में नाराजगी जाहिर की है। पिछले तीन दिन से जसवंत विश्नोई सोशल मीडिया पोस्ट करके लगाता नाराजगी जता रहे हैं। विश्नोई ने लिखा- कौन सुनेगा, किसको सुनाएं, इसलिए चुप रहते हैं। हमसे अपने रूठ न जाएं, इसलिए चुप रहते हैं। आज सुबह उन्होंने लिखा- मैंने फैसला किया है कि अब मैं एक पोस्ट चुनाव की घोषणा के बाद लिखूंगा, उसके बाद भविष्य में किसी प्रकार की पोस्ट नहीं लिखूंगा।इससे पहले जसवंत विश्नोई ने 2 मार्च को लिखा था- मेरा अनुभव कहता है कि जज्बातों को वहां प्रकट करो, जहां कद्र हो, यूं तो आंख से गिरा आंसू भी पानी लगता है। विश्नोई ने एक और सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा- ए मेरे मन सफर ही सही, इस भीड़ से, हर रिश्ता थोड़ी देर में, बदल जाता है। यूं तो शोर बहुत है, अपनेपन का, पर वक्त के आगे हर नकाब उतर जाता है।जसवंत विश्नोई ने खुद की नाराजगी को लेकर इशारों में संकेत दिए। उन्होंने 2 मार्च को गुस्से में ट्वीट करते हुए लिखा- समझने वाले समझ गए, ना समझे वो अनाड़ी।

राहुल कस्वां की जगह पैरा ओलिंपिक पदक विजेता देवेंद्र झाझड़िया को टिकट दिया गया है। राहुल कस्वां ने टिकट कटने पर सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए नाराजगी जाहिर करते हुए सवाल उठाए हैं। इसे बगावत के संकेत के तौर पर देखा जा रहा है।

कस्वां ने लिखा- आखिर मेरा गुनाह क्या था? क्या मैं ईमानदार नहीं था? क्या मैं मेहनती नहीं था? क्या मैं निष्ठावान नहीं था? क्या मैं दागदार था? क्या मैंने चूरू लोकसभा में काम करवाने में कोई कमी छोड़ दी थी? माननीय प्रधानमंत्री जी की सभी योजनाओं के क्रियान्वयन में, मैं सबसे आगे था।

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