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साहित्य कला संगम की काव्यगोष्ठी में सामयिक रचनाओं के साथ किया रामलला का गुणगान

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रतनगढ़, [सुभाष प्रजापत ] साहित्य कला संगम संस्थान, रतनगढ़ के तत्वावधान में आयोजित मासिक काव्यगोष्ठी स्थानीय नवोदयन एकेडमी शिक्षण संस्थान में संस्थान के अध्यक्ष वैद्य बालकृष्ण गोस्वामी की अध्यक्षता में संपन्न हुई। कार्यक्रम का शुभारंभ माँ सरस्वती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्जवलन से हुआ । कार्यक्रम मुख्य अतिथि नथमल पारीक थे तथा विशिष्ट अतिथि के रूप में सेवानिवृत्त जिला शिक्षाधिकारी कुलदीप व्यास एवम् बनवारीलाल पारीक मंचस्थ थे। दीप प्रज्ज्वलन उपरांत सुभाष मीणा ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की। कवि दिलीप स्वामी ” मनु ” ने गर्भस्थ शिशु की चिंता को रेखांकित करते हुए प्रस्तुति दी तो कवयित्री भानुप्रिया शर्मा ने अपनी कविता नन्ही सी गिलहरी…. सुनाते हुए पौराणिक आख्यान की कहानी प्रस्तुत की। कवि रामनरेश शर्मा ने मनुष्य योनि पर “बड़े भाग्य से मनुष्य योनि पाई है….” कविता सुनाई। कवि मनोज चारण ने जब राम मंदिर निर्माण पर अपनी कविता ” आने वाले हैं रघुनंदन, कोटि कोटि अभिनंदन है…… प्रस्तुत की तो श्रोताओं ने खूब दाद दी । एकेडमी के विद्यार्थी लक्ष्य पारीक ने ” राम हुए हैं कितने और प्रमाण दें……” कविता सुनाई वहीं सुभाष मीणा ने गजानन वर्मा के राजस्थानी गीत सुण दिखणादी बादली ……. की प्रस्तुति से उनका स्मरण किया । कवि अरविंद मिश्रा ने शिशु राम के भावों से सुसज्जित कविता ” अवधपुरी में जो बैठे हैं ……..” प्रस्तुत कर सभी को झकझोर दिया । शिक्षाधिकारी कुलदीप व्यास ने अयोध्या पर रचित गीत ” चालो रामलला का दर्शन करस्यां ….. ” तथा अपनी पैरोडी ” गाड़ी मंगायेंगे इनोवा, जायेंगे सीधे गोवा ….. ” जैसी रचनाओं से माहौल को खुशनुमा बना दिया। अध्यक्षीय उद्बोधन देते हुए गोस्वामी ने नवोदित रचनाकारों से हिन्दी व मायड़ भाषा राजस्थानी में साहित्य सृजन की निरंतरता का आह्वान किया तथा अपने गीत ” जीवड़ा चाल्यां जा आगै , बटाऊ चाल्यां जा आगै…. ” सुना कर काव्यगोष्ठी को बुलंदी प्रदान की। एकेडमी के निदेशक लीलाधर पारीक ने सभी का आभार प्रकट किया। काव्यगोष्ठी का संचालन कवि अरविंद मिश्रा ने किया।

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