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सीमा पर सैनिक और समाज में चिकित्सक की जिम्मेदारी महत्वपूर्ण – डॉ ढुल

बीएनवाईएस विभाग द्वारा आयोजित 10 दिवसीय कार्यशाला सम्पन्न

झुंझुनूं, श्री जेजेटी यूनिवर्सिटी के प्रेजीडेंट डॉ देवेन्द्र सिंह ढुल ने कहा कि देश की सीमा पर सैनिक जिस मजबूती और दृढ़ता के साथ अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करते हैं, उसी प्रकार समाज में चिकित्सक की भूमिका महत्वपूर्ण है। आज चिकित्सा क्षेत्र की शिक्षा ग्रहण कर रहे विद्यार्थियों के लिए आवश्यक है कि वो अपने अभिभावक द्वारा दिए गए संस्कारों पर आगे बढ़ते हुए समाज मे, विशेषकर जरूरतमंद, गरीब को अच्छी स्वास्थ्य सुविधा देना सुनिश्चित करेंगे।

वे आज यूनिवर्सिटी कैम्पस में बैचलर ऑफ नेचरोपैथी एन्ड योगिक साइंस (बीएनवाईएस) द्वारा आयोजित प्राकृतिक चिकित्सा : एकीकृत चिकित्सा विषय पर दस दिवसीय कार्यशाला के समापन अवसर पर सम्बोधित कर रहे थे। यूनिवर्सिटी प्रेजीडेंट डॉ देवेन्द्र सिंह ढुल ने कार्यशाला में विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि युवाओं को अपने जीवन का लक्ष्य निर्धारित करने से पहले अनुभवी शिक्षकों व अपने क्षेत्र के अनुभवी लोगों के अनुभव का लाभ उठाना चाहिए। उन्होंने कहा कि खिलाड़ी हो, चिकित्सक हो या विद्यार्थी, सभी को अपने जीवन का लक्ष्य निर्धारित करना जरूरी है। शिक्षा प्राप्त करने की प्रक्रिया में हर युवा को अवश्य विचार करना चाहिए कि उन्हें क्या बनना है। उन्होंने कहा कि हर नागरिक को अपने प्रोफेशन का सम्मान करना चाहिए। उन्होंने कहा कि चिकित्सा एक बेहतरीन कार्यक्षेत्र है, जिसमें हमें समाज की सेवा करने का अवसर मिलता है। डॉ ढुल ने कहा कि हर युवा को अपने अभिभावक का सम्मान करना चाहिए और उनके द्वारा दिए गए संस्कार के अनुरूप कार्य करें। हर युवा को अपने व्यवहार में सेवा भावना लानी चाहिए।

कार्यशाला में मुख्य वक्ता के तौर पर अपने अनुभव सांझा करने के लिए वरिष्ठ चिकित्सक डॉ नवीन बंसल ने विद्यार्थियों से सीधा संवाद करते हुए कहा कि उन्हें अपने भविष्य की योजना बनानी चाहिए। बिना लक्ष्य निर्धारित किए एक युवा जो सोचता है, व्यवहारिक तौर पर उससे विपरीत कार्य करता है। ऐसा न हो, इसके लिए युवाओं को अपना काम ईमानदारी के साथ करने की आदत डालें। उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वो प्राकृतिक चिकित्सा क्षेत्र में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करें और अपने अभिभावक, यूनिवर्सिटी व गुरुजनों का मान पूरी दुनिया में बढ़ाएं। उन्होंने कहा कि आज का युवा संस्कार व भारतीय संस्कृति को भूल रहा है। लेकिन प्राकृतिक चिकित्सा क्षेत्र में आने वाले युवा से उम्मीद की जाती है कि वो अच्छे प्रोफेशन के लिए अपनी जिम्मेदारी को निभाएं। रजिस्ट्रार डॉ अजीत कुमार ने कार्यशाला में 10 दिन तक प्राकृतिक चिकित्सा क्षेत्र में नए-नए अनुभव प्राप्त करने वाले युवाओं का मार्गदर्शन किया व उन्हें कार्यशाला के अनुभव पर अपने जीवन व करियर की दिशा व दशा को तय करने की दिशा में आगे बढ़ने का आह्वान किया। कार्यशाला में बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को प्रमाण पत्र वितरित किए गए। खेल निदेशक डॉ अरुण कुमार ने युवाओं से आह्वान किया कि वो अपनी दिनचर्या में अनुशासन लाएं, तभी वो अच्छे विद्यार्थी बन पाएंगे। इस अवसर पर कार्यशाला संयोजक एवं बीएनवाईएस प्रभारी डॉ उज्ज्वल चौधरी, डॉ संजीव, डॉ जया रानी पटेल, डॉ प्रियंका जांगिड़, नवीन कुमार शर्मा, उमेश कुमार, भावना उपस्थित रहे।

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