राजस्थान मद्य निषेद्य मोर्चा ने बच्ची के साथ दुष्कर्म के अपराधी को पांच दिवस में न्यायालय द्वारा सजा सुनाये जाने एवं यौन हिंसा का बड़ा कारण शराब के नशे को बताने के निर्णय की सराहना की है। मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष चौधरी मामराज सिंह ने कहा कि सराकार भली-भांति जानती है कि बच्चियों के साथ दुष्कर्म एवं गैंग रेप की घटनाओं का मुख्य कारण शराब का नशा है, इसके बावजूद कारोबारियों के दबाव के चलते सरकार शराब बंदी लागू नहीं करना चाहती। प्रभावशाली लोग शराब कारोबार से प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े हुए होने के कारण आये दिन हो रही दुष्कर्म की शर्मनाक घटनाओं के बावजूद खामोश रहते हैं, ऐसे में न्यायालय द्वारा शराब बंदी की सलाह देना बहुत बड़ी बात है, जिस दिन हाई कोर्ट, सुप्रीम कोर्ट दुष्कर्म व गैंग रेप की घटनाओं की रोकथाम के लिए शराब बंदी लागू करने का निर्देश सरकार को देने लेगेंगे तो सरकार को शराब बंदी लागू करनी पड़ेगी। मोर्चा के नगर अध्यक्ष मोहन बाजोर ने कहा सीकर न्यायालय के न्यायाधीश का यह फैसला शराब बंदी के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में अंकित होगा। पूजा गोकुलपुरा ने कहा कि शराब से सर्वाधिक पीडि़त महिलाएं है और जब तक सरकार शराब बंदी लागू नहीं करेगी तब बेटी बचाओं-बेटी बढ़ाओं और महिला सशक्तिकरण जैसी योजनाओं का कोई फायदा नहीं। महिला संगठनों को शराब बंदी की आवाज बुलंद करनी चाहिए।