कस्बे में पहली बार धूमधाम से गणगौर की सवारी निकाली गई गणगौर की सवारी विनोद जांगिड़ व विनोद कुमावत के घर से मैन बाजार होते हुए पुराना बस स्टैंड, सब्जी मंडी होते हुए पुरानी बावड़ी पर पहुंची जहां पर महिलाओं ने गणगौर व ईशर की मुर्ति की पूजा की। इस दौरान डीजे की धुन पर महिलाएं थिरकी गणगौर के अवसर पर कस्बे के तम्बाखु वाली धर्मशाला के पास मेले का आयोजन किया गया मेले में महिलाओं ने जमकर खरीददारी की। गणगौर के अवसर नवविवाहितों द्वारा गणगौर का पूजन किया जाता है। उसके बाद उनका विसर्जन किया जाता है।