किसान महासभा का तहसील कार्यालय के सामने धरना बीसवें दिन भी जारी
बुहाना, सन् 1994 के समझौते के अनुसार यमुना नहर का पानी लाने के लिए बनी पुरानी डी पी आर को मंजूर करने, ओलावृष्टि व शीत प्रकोप से नष्ट हुई रबी 2022-23 की फसलों के मुआवजे से वंचित किसानों को मुआवजा देने, बरसाती पानी की नदियों को पुनर्जीवित करने की मांग को लेकर तहसील कार्यालय बुहाना के सामने जारी अनिश्चितकालीन धरना बीसवें दिन भी जारी रहा । आज के धरने की अध्यक्षता भीम सिंह यादव ने की । धरने को अखिल भारतीय किसान महासभा के जिलाध्यक्ष कामरेड ओमप्रकाश झारोङा, बुहाना प्रखंड अध्यक्ष कामरेड रामकुमार यादव,कामरेड, कामरेड रामेश्वर मैनाना,कामरेड रामचंद्र नेहरा देवलावास, कामरेड रोतास यादव, विकास मान,सुरेश यादव, भीम सिंह यादव, सुनिता बुहाना, मीनाक्षी बुहाना, शीशराम, अजीत कुमार, अनिल, गुलाब मैनाना, लालाराम जांगिङ बङबर, मामन सिंह नायक, उपदेश, सोनू कानसिंहपुरा,मोहित, सुमित रावत, प्रदीप प्रजापति डूमोली खुर्द ने संबोधित किया । सभी वक्ताओं ने ओलावृष्टि एवं शीत प्रकोप से नष्ट हुई रबी 2022-23 की फसलों के मुआवजे से वंचित किसानों को मुआवजे की सूचि अपलोड करने की राजस्व विभाग के आदेश को किसान आंदोलन की जीत बताया । अखिल भारतीय किसान महासभा यमुना नहर की मांग के साथ इस मांग को लेकर पिछली 5 जुलाई से धरना प्रदर्शन कर रही है । अखिल भारतीय किसान महासभा जिले भर में हो रही अनियमित विद्युत कटौती को राज्य सरकार की ग्रामीण विरोधी विद्युत वितरण नीति को जिम्मेदार मानते हुए उसको तुरंत बदलने की मांग करता है । विद्युत कटौती बंद नहीं करने पर आंदोलन की चेतावनी दी ।