धर्म संघ विश्वविद्यालय धर्मार्थ न्यास की ओर से गुरुकुल विद्यालय के नए भवन का लोकार्पण, कार्यक्रम में पूज्य गुरुवर योगीराज अमर ज्योति, पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़, विधायक हरलाल सहारण, जयदीप बियाणी ने की शिरकत
चूरू, धर्म संघ विश्वविद्यालय धर्मार्थ न्यास की ओर से बुधवार को जिला मुख्यालय पर झारिया मोरी के पास बनाए गए गुरुकुल विद्यालय के नवीन भवन का लोकार्पण एवं मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह संपन्न हुआ। इस दौरान बड़ी संख्या में चूरू एवं आसपास के वैदिक धर्मानुयायी, जनप्रतिनिधि, वेद-अनुरागी एवं गणमान्य नागरिक मौजूद रहे।
हिमाचल प्रदेश से आए गुरुवर योगीराज अमर ज्योति के सान्निध्य में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा है इतिहास इस बात का साक्षी है कि चूरू की धरती सदैव धर्म एवं संस्कृति की रक्षा में अग्रणी रही है। उन्होंने कहा कि ब्रह्मलीन पूज्य स्वामी शिवानंद सरस्वती की प्रेरणा और स्मृति शेष भागीरथ प्रसाद मरदा व स्व. रामनारायण टावरी के अतुल्य योगदान से 1972 में स्थापित धर्मसंघ गुरुकुल विद्यालय के माध्यम से वैदिक संस्कृति एवं शिक्षा के पोषण का एक बेहतरीन कार्य यहां होता रहा है। विद्यालय के लिए नए भवन का निर्माण इस दिशा में मील का पत्थर साबित होगा। यहां वैदिक शिक्षा अध्ययन-अध्यापन के लिए बेहतरीन सुविधाएं विकसित करने की दिशा में यह योगदान हमेशा याद रखा जाएगा। अपने पुरुषार्थ से अर्जित धन का इस प्रकार परोपकार और धर्म-संस्कृति की रक्षा में उपयोग हम सभी के लिए अनुकरणीय है।
विधायक हरलाल सहारण ने वैदिक संस्कृति एवं शिक्षा के संरक्षण की दिशा में मरदा परिवार के योगदान की सराहना करते हुए कहा कि चूरू को उसकी धार्मिकता के कारण छोटी काशी कहा जाता है और इस तरह के प्रकल्प इस बात की सार्थकता साबित करते हैं।
गंगानगर विधायक जयदीप बियाणी ने धर्मसंघ गुरुकुल की स्थापना की पृष्ठभूमि की चर्चा करते हुए बताया कि उन्होंने कहा कि गुरुकल परम्परा ही सनातन को जिंदा रखेगी। उन्होंने कहा कि यह विद्यालय गुरुकुल पद्धति और आधुनिक शिक्षा का एक सम्मिश्रण है। उन्होंने कहा कि विद्यालय का नया भवन बहुत ही बेहतर ढंग से बनाया गया है।
हिमाचल प्रदेश से आए गुरुवर योगीराज अमर ज्योति ने आशीर्वचन देते हुए कहा कि यदि हमारी सोच, दृष्टि और कर्म सही हों तो हम निरंतर सफलता के सोपान चढ़ते जाएंगे। संचालन करते हुए धर्म संघ विश्वविद्यालय धर्मार्थ न्यास के अध्यक्ष रमेश मरदा ने बताया कि ब्रह्मलीन पूज्य स्वामी शिवानंद सरस्वती की प्रेरणा और स्मृति शेष भागीरथ प्रसाद मरदा व स्व. रामनारायण टावरी, स्व. परमेश्वरी देवी टावरी के योगदान से यह धर्मसंघ गुरुकुल स्थापित हुआ जिसका वैदिक शिक्षा में बेहतरीन योगदान रहा है। अब नवीन भवन में तल कक्ष में करीब 9000 वर्ग फीट में 6 अध्ययन कक्ष, स्वागत कक्ष, आचार्य कक्ष, शिक्षक कक्ष, प्रशासन कक्ष, हवन कक्ष, योग कक्ष, कम्प्यूटर कक्ष, रसोई घर, भोजनालय, क्रीड़ा कक्ष का निर्माण किया गया है। प्रथम मंजिल में 6 हजार वर्ग फीट में 100 विद्यार्थियों के लिए आवास स्थान, प्रबंधक कक्ष एवं पुस्तकालय का निर्माण किया गया है। करीब 2500 वर्ग फीट में मंदिर एवं आध्यात्मिक कक्ष का निर्माण किया गया है। खेलकूद के लिए करीब 13000 वर्ग फीट का खुला मैदान है।