चूरू, राजस्थान सरकार के वन एवं पर्यावरण मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) सुखराम विश्नोई ने मंगलवार को चूरु जिले के ताल छापर अभ्यारण का औचक दौरा किया । विश्नोई ने औचक निरीक्षण के दौरान कृष्ण मृग अभ्यारण की व्यवस्थाओं से जुड़े अधिकारियों एवं र्कमचारियों से अभ्यारण के संचालन से संबंधित जानकारियां ली तथा सभी को आगाह किया कि पर्यावरण के मुद्दे सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल है इसलिए आप सभी की जिम्मेदारी है कि इस अभ्यारण में चली आ रही व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने में राज्य सरकार का सहयोग करें। उन्होंने कहा कि अभ्यारण के विकास हेतु जो भी नवीन विचार राज्य सरकार को मिलेंगे उन पर सकारात्मक तरीके से र्कायवाही की जाएगी ताकि इस कृष्ण मृग अभ्यारण की हालातों को बेहतर तरीके से संभाला जा सके। विश्नोई ने कहा कि करीब 820 हेक्टेयर क्षेत्र में फैले इस प्रसिद्ध अभ्यारण को पर्यटकों के लिए आर्कषण का केंद्र बनाने के साथ-साथ कृष्ण मृग एवं यहां प्रवास करने वाले पक्षियों के लिए बेहतर आवासीय स्थान बनाए जाने के पुरजोर प्रयास किए जाएंगे। उल्लेखनीय है कि ताल छापर अभ्यारण विश्व प्रसिद्ध कृष्ण मृर्गों के लिए पूरी दुनिया में जाना जाता है यहां कई प्रजातियों के पक्षी भी पाए जाते हैं। इस अभ्यारण का अधिकतर हिस्सा घास से ढका हुआ है तथा बड़े पेड़ काफी कम मात्रा में दिखाई देते हैं। माइग्रेटरी पक्षियों के लिए यह अभ्यारण एक ठहराव का स्थान माना जाता है जहां पर प्रवासी पक्षी अपना कुछ समय के लिए ठहराव बनाते हैं। पक्षी प्रेमी पर्यटकों के लिए सर्वाधिक भ्रमण की जगह माने जाने वाले इस अभ्यारण में मोथिया नाम की घास काफी मात्रा में पाई जाती है ,इस घास के बीज मोती के जैसे दिखाई देते हैं। मोथिया घास खाने में बहुत स्वादिष्ट होती है तथा यहां प्रवास करने वाले कृष्ण मृर्गों के लिए यह भोजन का मुख्य आधार मानी जाती है।