पिलानी के निकटवर्ती अपने गांव छोटी थिरपाली पहुंची माया चाहर
डीजे की धुन पर किया लाडली का स्वागत
झुंझुनू, पापा कहते हैं बेटा बड़ा नाम करेगा लेकिन यहां पर एक दादा ने कहा पोती को पढ़ाओ बड़ा नाम करेगी और पोती ने उसे सच भी साबित करके दिखाया है। झुंझुनू जिले की शिक्षा नगरी पिलानी के नजदीक पड़ने वाले गांव छोटी थिरपाली की माया चाहर ने अपने दादा के सपने को पूरा करने के लिए जान लगा दी और आखिर में आईएएस का जो टारगेट इन्होंने निर्धारित किया था उसे हासिल करके ही वापस लौटी हैं। जी हा, आपकी जानकारी के लिए बता दें कि माया चाहर ने हाल ही में आईएएस की परीक्षा में सफलता हासिल की है। आज वह अपने पैतृक गांव लोटी तो गांव में डीजे की धुन पर उनका जहां भव्य स्वागत किया गया। वही माया चाहर की आंखों में आंसू छलक उठे जब उनसे पूछा गया कि यह आंसू खुशी के थे या गम के थे तो उनका कहना था कि इनमें खुशी और गम दोनों शामिल हैं खुशी इस बात की है कि उन्होंने जो टारगेट निर्धारित किया था वह हासिल कर लिया और गम इस बात का है कि मेरे दादाजी ने जो सपना देखा था 1 महीने पहले ही उनका देहांत हो चुका है आज वह हमारे बीच नहीं है। माया चाहर ने जानकारी देते हुए बताया कि मेरे दादाजी पढ़े लिखे हुए नहीं थे लेकिन फिर भी उनका मोरल सपोर्ट हमेशा हमारे साथ रहा इनको पढ़ाते रहो।
माया चाहर ने 2015 में ग्रेजुएट किया था उसके बाद से वह लगातार तैयारी में जुटी हुई थी। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि पिलानी के पास पड़ने वाला थिरपाली छोटी गांव चूरु जिले में पड़ता है लेकिन पिलानी से ज्यादा नजदीकी है जिसके चलते माया चाहर की सारी एजुकेशन पिलानी में ही पूरी हुई है। वर्तमान समय में लोग परिवारों की एकजुटता को भूलते जा रहे हैं ऐसे लोगों के लिए माया चाहर का परिवार भी एक प्रेरणा है क्योंकि माया चाहर का मानना है कि पूरे परिवार की सपोर्ट के चलते ही उन्होंने यह मुकाम हासिल किया है। वही माया चाहर ने आईएएस बनने के बाद जो गोल बताया है उसमें इनकी भावना वर्तमान में झुंझुनू जिला पुलिस अधीक्षक मृदुल कच्छावा से भी बखूबी मिलती है। क्योंकि झुंझुनू जिला पुलिस अधीक्षक भी टीम स्प्रीट के साथ काम करने में विश्वास रखते हैं। ऐसे में माया चाहर का मानना है कि अकेले व्यक्ति से बदलाव नहीं आ सकता पूरी टीम वर्क काम करती है तभी बदलाव लाया जा सकता है।